सूरत :  महापौर को ‘डरपोक’, ‘गुलाम’ और ‘धृतराष्ट्र’ संबोधित करने पर पालिका की आम सभा से विपक्ष के सभी सदस्य निलंबित!

महापौर ने विपक्षी सदस्य को बार-बार सभाखंड में सीधे बैठने का आग्रह किया

सूरत :  महापौर को ‘डरपोक’, ‘गुलाम’ और ‘धृतराष्ट्र’ संबोधित करने पर पालिका की आम सभा से विपक्ष के सभी सदस्य निलंबित!

महापौर ने विपक्षी सदस्यों के व्यवहार की निंदा की

सूरत नगर निगम की मासिक आम बैठक सोमवार को शाम चार बजे शुरू हुई। बैठक की शुरुआत में विपक्षी सदस्य द्वारा डायस की तरफ पीठ करके बैठने के कारण हंगामा हो गया। महापौर के बार-बार निर्देश के बाद भी विपक्षी सदस्यों को सीधे नहीं बैठने पर निलंबित कर दिया गया।

सूरत नगर निगम के सरदार पटेल सदन में सोमवार को मासिक आमसभा का आयोजन किया गया। आज की महासभा में शून्यकाल के दौरान चर्चा शुरू होने से पहले ही नगर निगम के विपक्षी सदस्य कनु गेडिया ने अपनी खुर्सी को मेयर के डायस के विपरीत दिशा में कर दिया और डायस की ओर पीठ करके बैठ गए। साथ ही हाथ में ‘धृतराष्ट्र’ लिखा एक प्ले कार्ड दिखा रहे थे। विपक्षी सदस्य का आरोप था कि महापौर बहस में भाग लेने के लिए पक्षपात कर ररहीं थीं। सूरत के मेयर ‘धृतराष्ट्र’ हैं ऐसा उन्होंने आरोप लगाया। इसके बाद उन्होंने ‘धृतराष्ट्र मेयर हाय हाय के नारे लगाए’ और विपक्षी सदस्यों ने उनका समर्थन किया।

विपक्षी सदस्य के इस तरह के व्यवहार के चलते आम सभा शुरू होते ही जमकर हंगामा हुआ। इस मुद्दे पर भाजपा सदस्य भी काफी आक्रोषित थे। महापौर हेमाली बोघावाला ने तब बार-बार कनू गेडिया को महासभा की गरिमा बनाए रखने के लिए सीधे बैठने की हिदायत दी। महापौर के आदेश के बावजूद गेडिया विपरित दिशा में ही बैठे रहे और बार-बार नारे लगाने के कारण बोर्ड से निलंबित करने का आदेश दिया गया। इसके बाद नगर निगम के मार्शलों ने उन्हें हॉल से बाहर निकाला।

महापौर को गुलाम कहने पर विपक्ष के सभी सदस्य निलंबित

आम सभा में स्थायी समिति के अध्यक्ष द्वारा कार्य प्रस्तुत किया गया। कार्य प्रस्तुति में विपक्षी दल के सदस्य महेश अनधन ने आरोप लगाया कि खजोद के कूड़ाघर खाली करने के मामले में घोटाला हुआ है। इस बीच, उन्होंने कहा कि सूरत के मेयर ‘डरपोक’, ‘गुलाम’ हैं। ऐसा कहने पर आम सभा में हंगामा मच गया।

भाजपा की महिला पार्षदों ने यह कहते हुए हंगामा किया कि यह महापौर और महिला का अपमान है। महापौर ने विपक्ष के नेता और सदस्यों से शब्दों को वापस लेने और माफी मांगने को कहा। हालांकि, विपक्ष ने माफी नहीं मांगी तो महापौर ने विपक्ष के सभी सदस्यों को निलंबित कर दिया। सभागार के बाहर निकले विपक्षी दल के सदस्यों ने महापौर के खिलाफ सूत्रोच्चार किया। 

विपक्ष के सदस्यों ने महापौर की गरीमा और महिला का अपमान किया

सूरत नगर निगम की आम सभा में विपक्ष के व्यवहार पर महापौर ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि आम सभा में शून्यकाल के दौरान सदस्य संख्या के अनुसार विपक्ष को बोलने के मौका दिया जाता है। 30 मिनिट के शुन्यकाल में शासक पक्ष के दो या तीन सदस्य और विपक्ष के एक सदस्य को बोलने की मौका दिया जाता है। विपक्ष के कुछ सदस्यों को मात्र विरोध करके सभा में हंगामा करना आता है। हंगामा करने के लिए ही विपक्ष के सदस्य आम सभा में आते है, ऐसा प्रतित होता है। आज विपक्ष ने सदन की गरीमा का लिहाज नहीं किया। महापौर के पद और महिला का अपमान विपक्ष के सदस्यों ने किया है। सदन में विकासलक्षी चर्चा के लिए विपक्ष के सदस्यों को कोई उत्साह नहीं है, वह मात्र अपनी हाजिरी दर्ज कराने के लिए ही आते हैं। 

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