गुजरात : राज्य सरकार ने अडानी सहित निजी कंपनियों से कितनी बिजली खरीदी, जानें 

गुजरात : राज्य सरकार ने अडानी सहित निजी कंपनियों से कितनी बिजली खरीदी, जानें 

कांग्रेस केवल राजनीतिक आरोप लगा रही है, प्रदेश में बिजलीघर पूरी दक्षता से चल रहे हैं : सरकार के प्रवक्ता मंत्री

कांग्रेस विधायक अर्जुन मोढवाडिया ने सदन में कहा कि राज्य सरकार ने अपनी सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली इकाई होने के बावजूद केवल निजी कंपनियों के फायदे के लिए अपने बिजली स्टेशनों को बंद रखकर महंगे दामों पर निजी कंपनियों से बिजली खरीदी है। गुजरात में वर्तमान में 16 पावर स्टेशन हैं, जिसमें सरकार ने 7 बिजलीघरों को बंद कर दिया है। जबकि 9 सरकारी बिजलीघर 50 फीसदी क्षमता से चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने बिजली उत्पादन के लिए बिजलीघर बनाए थे। इन बिजलीघरों को बंद रखकर भाजपा सरकार निजी कंपनियों से ऊंचे दामों पर बिजली खरीदती है। जिससे गुजरात के उपभोक्ताओं को देश में बिजली की सबसे अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है।

सभी बिजलीघर पूरी कार्यक्षमता के साथ कार्यरत

राज्य सरकार के प्रवक्ता मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कहा कि सरकार 24 घंटे गुणवत्तापूर्ण बिजली मुहैया कराती है। विद्युत उत्पादक से निविदा के माध्यम से विद्युत क्रय करने का निर्णय लिया गया था। गुजरात पूरे देश में बिजली की खपत में अग्रणी है। सरकार ने विभिन्न कंपनियों से बिजली खरीदने के लिए करार किए थे। कौन सी कंपनी सस्ती बिजली देती है यह महत्वपूर्ण है। सरकार ने कम कीमत पर बिजली खरीदी है। सरकार के सभी बिजलीघर पूरी कार्यक्षमता के साथ काम कर रहे हैं। समय-समय पर इसका रीनोवेशन भी किया जा रहा है।

सरकार ने 500 मेगावाट के स्टेशन स्थापित किया हैं

प्रवक्ता मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कहा कि 2021 में कोयले की कमी एवं रशिया-युक्रेन युद्ध के कारण गैस की कीमतों में बढ़ोतरी हुई थी। इसलिए धुवारन, हजीरा और जीपीसीएल गैस आधारित संयंत्र थे इसलिए बिजली महंगी पड़ती थी। कांग्रेस सिर्फ आरोप लगाती है। पूरे भारत में गुजरात नंबर वन है। सरकार ने किसी भी हालत में खेत और घरेलू उपयोग के लिए 24 घंटे बिजली प्रदान की है। सरकार ने 500 मेगावाट के स्टेशन स्थापित किया है। सरकार निजी बिजली उत्पादकों से 15 प्रतिशत बिजली खरीदती है। कांग्रेस केवल राजनीतिक आरोप लगा रही है।