महाराष्ट्र राजनीतिक संकट पर SC ने फैसला सुरक्षित रखा

उद्धव ठाकरे को बहाल करने के मुद्दे पर उठाये सवाल

महाराष्ट्र राजनीतिक संकट पर SC ने फैसला सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र राजनीतिक संकट के संबंध में उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे समूहों द्वारा दायर क्रॉस-याचिकाओं के एक बैच पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। अदालत ने फैसला सुरक्षित रखने से पहले नौ दिनों तक दलीलें सुनीं। मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ चंद्रचूड़ ने ठाकरे समूह का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी से कई सवाल किए।

मुख्य न्यायाधीश ने सिंघवी से सवाल किया कि क्या राज्यपाल द्वारा विश्वास मत हासिल करने के लिए शक्ति का वैध प्रयोग किया गया था और क्या होगा यदि अदालत यह निष्कर्ष निकालती है कि राज्यपाल द्वारा शक्ति का कोई वैध प्रयोग नहीं किया गया था। जब सिंघवी ने कहा कि ठाकरे का इस्तीफा और विश्वास मत का सामना नहीं करना अप्रासंगिक है, तो मुख्य न्यायाधीश ने पूछा कि अदालत एक ऐसे मुख्यमंत्री को कैसे बहाल कर सकती है जिसने शक्ति परीक्षण का सामना भी नहीं किया हो।

 

21 फरवरी को सुनवाई शुरू हुई और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, अभिषेक मनू सिंघवी, देवदत्त कामत और अधिवक्ता अमित आनंद तिवारी ने अपनी दलीलें रखीं। हार को भांपते हुए ठाकरे के इस्तीफा देने के बाद शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना-भाजपा गठबंधन महाराष्ट्र में सत्ता में आया। शीर्ष अदालत ने 29 जून, 2022 को फ्लोर टेस्ट कराने के राज्यपाल के निर्देश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।