गुजरात : अब राज्य के सभी पुलों का साल में दो बार होगा निरीक्षण, सरकारी गाइडलाइंस का ऐलान

गुजरात : अब राज्य के सभी पुलों का साल में दो बार होगा निरीक्षण, सरकारी गाइडलाइंस का ऐलान

प्रदेशभर में पुलों की स्थिति पर सरकार की नई नीति, मई व अक्टूबर में सभी पुलों का होगा निरीक्षण

राज्य सरकार ने पुलों की स्थिति को लेकर नई नीति बनाने के साथ ही पूरे राज्य में पुलों के निरीक्षण के संबंध में महत्वपूर्ण दिशा-निर्देशों की घोषणा की है। कोई बड़ा हादसा न हो और वाहन चालकों को कोई परेशानी न हो, इसके लिए सरकार ने ब्रिज पॉलिसी पर गाइडलाइंस जारी की है। इस गाइडलाइन के मुताबिक प्रदेश भर के सभी पुलों का साल में दो बार निरीक्षण करने की घोषणा की गई है। समस्त पुलों के निरीक्षण की पूर्ण जिम्मेदारी कार्यपालक अभियंता की होगी।

सभी पुलों का साल में दो बार निरीक्षण किया जाएगा

इस बीच राज्य सरकार ने पुलों की स्थिति और संचालन को लेकर नई नीति की घोषणा की है। राज्य भर के सभी पुलों पर कोई बड़ी दुर्घटना न हो, इसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार पुल का 6 माह में एक बार निरीक्षण किया जायेगा अर्थात वर्ष में दो बार निरीक्षण करना अनिवार्य होगा। मई और अक्टूबर माह में प्रदेश के सभी पुलों का निरीक्षण करने को कहा गया है। नई पुल नीति के दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी पुलों के निरीक्षण की पूरी जिम्मेदारी डेप्युटी एक्जीक्यूटिव इंजीनियर की होगी। 

हाटकेश्वर में छत्रपति शिवाजी महाराज पुल को लेकर विपक्ष का हंगामा

गौरतलब है कि, हाल ही में विपक्ष ने आरोप लगाया है कि अहमदाबाद शहर के पूर्वी इलाके में स्थित हाटकेश्वर में छत्रपति शिवाजी महाराज पुल के निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया था। जब से यह पुल बना है तभी से बंद हालात में होने का आरोप भी लगने लगे थे। पुल पिछले छह माह से मरम्मत के लिए बंद है। यह भी दावा किया गया था कि पुल बनने के बाद यह 50 साल तक चलेगा, हालांकि 5 साल में पुल को मरम्मत के लिए पांच बार बंद किया गया है। हाटकेश्वर का यह पुल 2022 में सॉलिड एंड मटेरियल टेस्टिंग लेबोरेटरी में रिपोर्ट किया गया था। इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि छत्रपति शिवाजी महाराज ब्रिज में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया था।