सूरत :  शादी में इंम्पोर्टेड कारों के काफीले का वट, 100 लग्जरी कारों में निकली बारात, बैलगाड़ी से जिंदा रखी परंपरा

मोटा वराछा से उत्राण तक दो किलोमीटर क्षेत्र में कारों के काफिले के साथ  निकली बारात

सूरत :  शादी में इंम्पोर्टेड कारों के काफीले का वट, 100 लग्जरी कारों में निकली बारात, बैलगाड़ी से जिंदा रखी परंपरा

पूर्व पार्षद के बेटे कारों के शौकीन थे इस लिए मुंबई, वलसाड और नवसारी से दोस्तों की कारे मंगाई

सूरत में एक शादी में एक अनोखा दूल्हा नजर आया। दूल्हे को एक बैलगाड़ी में बिठाया गया और उसके पीछे करीब 100 लग्जरी कारों का काफिला था। मोटा वराछा से उत्राण तक दो किलोमीटर लंबी शोभायात्रा को देख हर कोई दंग रह गया। और आकर्षण का केंद्र बने।

सूरत में बीजेपी के एक पूर्व पार्षद के बेटे की शादी चर्चा का विषय बनी हुई है। उनके दोनों पुत्रों का एक अनोखा विवाह समारोह पूर्व भाजपा नगरसेवक भरत मोना (वघासिया) ने कराया। दूल्हा 100 आलीशान गाडिय़ों के साथ मंडप में पहुंचा लेकिन दूल्हा खुद बैलगाड़ी में आया था। इस बारात को देखकर हर कोई दंग रह गया।

मोटा वराछा के रिवर पैलेस में रहने वाले प्रतीक भरतभाई वघासिया की शादी के मौके पर गुरुवार को एक अनोखा नजारा सामने आया। शाम 5 बजे वरघोड़ा (बारात) रिवर पैलेस से निकलकर उत्राण‌ि स्थित पार्टी प्लॉट पर पहुंची। इस बीच 2 किलोमीटर की दूरी तय कर इस बारात में 100 लग्जरी कारों का काफिला नजर आया। इसमें फेरारी, बीएमडब्ल्यू, जगुआर, हमर, ऑडी, लैंड क्रूजर, डिंपरी समेत 100 महंगी लग्जरी कारों का काफिला लेकर दूल्हा रवाना हुआ। मगर इन बेड़े में दूल्हा एक बैलगाड़ी में सवार हुआ था। 

भाजपा के पूर्व पार्षद भरत वघासिया के बेटे प्रतीक वाघसिया और डॉ. आशिक आशीष वघासिया की शादी हुई। इन दोनों बेटों की शादी का वरघोडा आज शहर में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। उस वक्त भरत वघासिया ने अपने बेटे के वरघोड़े के बारे में कहा कि दोनों लड़के इम्पोटेन्ट कारों के शौकीन थे। जिसके लिए मैंने अपने सभी वलसाड मुंबई नवसारी के दोस्तों को कॉल किया। शादी की प्लानिंग इसलिए की क्योंकि उन्हें अलग तरह की शादी करने का शौक था। जिसमें दूल्हा-दुल्हन को विभिन्न महंगी और शानदार कारों के साथ ले जाने का निर्णय लिया गया। 50 लाख से 5 करोड़ रुपये तक की कारों के बेड़े के साथ वराछा से उत्राण तक शोभायात्रा निकाली गई।

भरत वघासिया ने आगे बताया कि दूल्हे को बैलगाड़ी में बिठाकर ले जाया गया। जबकि बैलगाड़ी के आगे 50 और पीछे 40 से 50 लग्जरी कारें ले जाई गईं। जब पहले सौराष्ट्र में शादी होती थी तो बैलगाड़ी में ही दूल्हे की बारात जाती थी। इसलिए सौराष्ट्र की परंपरा के अनुसार दूल्हे को बैलगाड़ी में बैठाया गया।

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