सूरत :  बदलते मौसम का असर आम पर पड़ने से किसान चिंतित, पैदावार हो सकती है प्रभावित

सूरत :  बदलते मौसम का असर आम पर पड़ने से किसान चिंतित, पैदावार हो सकती है प्रभावित

बदलता मौसम किसानों के लिए हमेशा चिंता का विषय

बदलता मौसम किसानों के लिए हमेशा चिंता लेकर आता है। फरवरी की शुरुआत होते ही गर्मी बढ़ने से आम की वाड़ियों में आम की क्षति (नुकसान) बढ़ गई है। साथ ही नई बौर व आम के लगते ही रोग कीट भी लगने लगे हैं, जिससे किसानों की अच्छी फसल की उम्मीद निराशा में बदलने की संभावना है।

ग्लोबल वार्मिंग के कारण जलवायु में लगातार परिवर्तन हो रहा है

ग्लोबल वार्मिंग के कारण जलवायु में लगातार परिवर्तन हो रहा है। जिसमें पिछले साल भी फरवरी माह शुरू होते ही तापमान 33 डिग्री से ऊपर चला जाता है और रात के समय तापमान 14 डिग्री के आसपास बना रहता है। जिससे दिन में असहनीय गर्मी और रात में कोहरे के साथ ठंड से फसलें प्रभावित हो रही हैं। खासकर  आम की वाड़ियों में जब आम के फूल बढ़ रहे होते हैं, तब अत्यधिक गर्मी के कारण मटर के सामन या उससे बड़े आम के फूल पीले हो जाते हैं और फिर पेड़ से गिर जाते हैं। पहले आम की फसल की उम्मीद जगी थी, अब नुकसान झेलने का समय आ गया है।

मौसम विभाग ने  बेमौसम बारिश की संभावना जताई है

मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले कुछ दिनों में तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो सकता है। साथ ही बेमौसम बारिश की संभावना भी जताई है। वहीं पिछले वर्षों के नुकसान की भरपाई की उम्मीद लेकर बैठे किसानों को इस बार भी खराब फसल को लेकर चिंतित कर रही है। दूसरी ओर, नई कोंपल के साथ-साथ आमों पर नई कलियाँ फूट रही हैं। इस वजह से आम नए गूदे और फूल को अधिक भोजन देता है, जिससे पेड़ पर लगे पुराने आमों को पोषण कम मिलता है।

आम की फसल को सुरक्षित रखने के लिए सबसे पहले आम पर दवा का छिड़काव करें

वर्तमान में दिन का तापमान 32 से 33 डिग्री और रात का तापमान 13 से 14 डिग्री तक पहुंच जाता है, दोनों के बीच 17 से 18 डिग्री का अंतर होने आम की क्षति होती है। किसानों को चाहिए कि बदलते मौसम में भुखीछरा नामक रोग की संभावना को देखते हुए आम की फसल को सुरक्षित रखने के लिए सबसे पहले आम पर दवा का छिड़काव करें। उसके दूसरे दिन से वाडी में पानी देना चाहिए और साथ में खाद भी देना चाहिए, इससे किसान नुकसान से बच सकता है।

बदलते मौसम से फिर निराशा में बदल गया है

पिछले 10 साल से जलवायु की मार झेल रहे फलों का राजा आम में इस साल अच्छी फसल होने की उम्मीद थी, लेकिन बदलते मौसम से फिर निराशा में बदल गया है। किसान प्रकृति से प्रार्थना कर रहे हैं कि तापमान बहुत अधिक न बढ़े और जलवायु स्थिर रहे, ताकि पिछले वर्षों की तुलना में आम उपभोक्ताओं और किसानों के लिए  मीठी रह सके।
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