राजकोट : दूसरे क्या कहते हैं, इसकी चिंता न करें : लेखक-वक्ता अंकित देसाई

राजकोट : दूसरे क्या कहते हैं, इसकी चिंता न करें : लेखक-वक्ता अंकित देसाई

गुजरात बोर्ड परीक्षा से पूर्व अंकित देसाई ने छात्रों से संवाद किया

जाने-माने लेखक व वक्ता अंकित देसाई ने राधनपुर, पाटन के स्कूल बोर्ड के विद्यार्थियों से बातचीत की। संवाद का आयोजन राधनपुर के नालंदा स्कूल में किया गया था, जहां अंकित देसाई ने परीक्षा के डर को दूर करने के तरीकों पर बोर्ड के पांच सौ से अधिक छात्रों को संबोधित किया।

मिरेकल्स ऑफ कर्मा ग्रुप ऑफ कनाडा की ओर से सुनील प्रजापति द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया था ताकि राधनपुर तालुका बोर्ड के छात्रों को उनकी परीक्षा से पहले बढ़ावा मिले और छात्र सकारात्मक तरीके से परीक्षा में शामिल हों।  इसमें अंकित देसाई ने 'चलो डर को हराएं' विषय पर अपना बहुप्रतीक्षित भाषण दिया।

अपने भाषण में अंकित देसाई ने बोर्ड के छात्रों से कहा कि 'जब आप पैदा हुए थे तो आप बहुत निडर थे, लेकिन जैसे-जैसे आप बड़े हुए, समाज ने आपमें डर पैदा किया। आपको यह समझना होगा कि मूल रूप से आप कायर नहीं हैं।'  देसाई ने अपनी बात में यह भी कहा कि ये परीक्षाएं जीवन की सफलता तय नहीं करतीं।  इसलिए इन परीक्षाओं को अपने दिमाग पर हावी न होने दें।  यह आपकी शिक्षा यात्रा का एक रूटीन है।'  इसके अलावा, उन्होंने छात्रों से कहा कि वे इस बात की चिंता न करें कि शिक्षा या करियर के मामले में दूसरे उनके बारे में क्या कहते हैं और हमेशा अपनी आंतरिक आवाज का पालन करें।

 गौरतलब है कि इस वर्ष बोर्ड परीक्षा देने वाले छात्र पिछले दो वर्षों से कोरोना के कारण घर से ही शिक्षा ग्रहण कर रहे थे, जिसके कारण वे इस वर्ष नियमित रूप से परीक्षा देने से थोड़ा डर रहे थे.  इसी वजह से यह कार्यक्रम इसलिए आयोजित किया गया ताकि छात्र-छात्राएं बिना डरे परीक्षा दें।

 लेखक और वक्ता अंकित देसाई छात्रों और युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय वक्ता हैं।  वह 'लीडरशिप पर्व' के नाम से पेशेवरों को प्रशिक्षण भी देते हैं।  इसके अलावा, वह गुजरात के शीर्ष समाचार पत्रों जैसे 'संदेश', 'मुंबई समाचार' और 'फूलछाब' में साप्ताहिक कॉलम लिखते हैं।  अब तक उन्होंने 'डिजिटली योर्स', 'ट्रेन टेल्स' और 'द वीकेंड वाइफ' जैसी छह लोकप्रिय किताबें लिखी हैं।

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