सूरत : बुनकर अब खुद धारा (पेमेन्ट नियम) तय करनेे लगे, वार टु वार 7 दिन के अंदर पेमेंट का धारा

सूरत : बुनकर अब खुद धारा (पेमेन्ट नियम) तय करनेे लगे, वार टु वार 7 दिन के अंदर पेमेंट का धारा

कपड़ा बाजार की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण भुगतान चक्र अटक गया

90 दिन के भुगतान नियम के बजाय अब सूरत के बुनकर खुद तय कर रहे भुगतान का नियम, सिर्फ 7 दिन तक ही उधारी रखते है। पिछले 8 -10 माह से कपड़ा बाजार की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। दिवाली, पोंगल और लग्नसरा के दौरान बहुत कम ऑर्डर मिलने से व्यापारियों को घाटा हो रहा है। शहर के टेक्सटाईल मार्केटों में 90 दिन की भुगतान अवधि है। उसके बावजुद 120 से 150 दिन तक भी भुगतान नहीं मिलता है। 

पुराने धारे का भी अमल नही होता इस लिए नया नियम बनाया

शहर के विभिन्न बुनकर संघों ने भुगतान नियम तय कर रखे हैं, लेकिन उन पर अमल नहीं हो रहा है। इस लिए उनकी पूंजी सुरक्षित रहे और फंस न जाए, कई बुनकर अब अपनी भुगतान शर्तें खुद तय कर रहे हैं। खासकर व्यापारी समय-समय पर यानी सिर्फ 7 दिन के लिए ही सामान उधार दे रहे हैं।

90 दिनों के दौरान उधारी की रकम बहुत बडी हो जाती है

जब भुगतान अवधि 90 दिनों की होती है, तो खरीदार व्यापारी 90 दिनों के लिए सामान की खरीदी करता है और भारी उधारी हो जाती है। जब भुगतान 7 दिनों के भुगतान नियम में केवल एक बार में पेमेन्ट प्राप्त होता है, तो हर्जाना भी कम हो जाता है। जिस के कारण बुनकर अपनी भुगतान दर खुद तय कर रहे हैं।

पार्टी पलायन रोकने के लिए नया नियम जरूरी

विविंग एसोसिएसन के अध्यक्ष अशोक जीरावाला ने कहा कि एक पार्टी ने पेमेन्ट नही दिया और पलायन कर गई तो साल भर की कमाई खत्म हो जाती है। इसलिए सही भुगतान पद्धति का होना महत्वपूर्ण है। इस लिए हमने 7 दिन का भुगतान नियम तय कर लिया है।