सूरत : नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की समयसीमा बढ़ाने के लिए सूरत चैम्बर ने गुजरात सरकार को सौंपा प्रस्ताव

परियोजना चालू न हो पाने पर डेवलपर्स को राहत देने हेतु नीति संशोधन की मांग, मुख्य सचिव व ऊर्जा विभाग से मिला सकारात्मक संकेत

सूरत : नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की समयसीमा बढ़ाने के लिए सूरत चैम्बर ने गुजरात सरकार को सौंपा प्रस्ताव

सूरत। दक्षिण गुजरात वाणिज्य एवं उद्योग चैम्बर (एसजीसीसीआई) ने नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की कमीशनिंग अवधि को लेकर गुजरात सरकार के समक्ष अहम प्रस्तुतीकरण दिया। चैम्बर के प्रतिनिधिमंडल ने 17 जून 2025 को गांधीनगर में गुजरात सरकार के मुख्य सचिव पंकज जोशी और ऊर्जा एवं पेट्रोकेमिकल्स विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एस.जे. हैदर से मुलाकात कर अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में आ रही समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की।

चैम्बर के उपाध्यक्ष अशोक जीरावाला, मानद कोषाध्यक्ष सीए मितीश मोदी, पूर्व अध्यक्ष बी.एस. अग्रवाल तथा उप सचिव पॉलिक देसाई समेत अन्य सदस्यों ने इस दौरान प्रस्तुतीकरण दिया। प्रतिनिधियों ने बताया कि गुजरात सरकार द्वारा 2023 में घोषित गुजरात अक्षय ऊर्जा नीति के खंड 17.4 के अनुसार, 1 से 100 मेगावाट की परियोजनाओं को कनेक्टिविटी की मंजूरी के 12 महीनों के भीतर चालू करना अनिवार्य है, जबकि नीति में देरी की स्थिति में कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है।

वर्तमान में गुजरात विद्युत नियामक आयोग (GERC) द्वारा जारी ग्रीन एनर्जी ओपन एक्सेस रेगुलेशन – 2024 में परियोजना पूरी न होने की स्थिति में याचिका दायर करने की अनुमति है, लेकिन GERC से अनुमोदन मिलने में काफी देरी होती है। साथ ही, भूमि रूपांतरण (NA) अनुमोदन एवं अन्य प्रशासनिक बाधाओं के कारण अधिकांश परियोजनाएं एक वर्ष में 10% भी चार्ज नहीं हो पातीं।

इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए चैम्बर ने मांग की कि अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं की कमीशनिंग अवधि को एक वर्ष से बढ़ाकर व्यावहारिक समयसीमा तक विस्तार दिया जाए, साथ ही नीति में दंडात्मक प्रावधानों की स्पष्टता लाई जाए। साथ ही, निर्णय लेने का अधिकार GERC के बजाय संबंधित डिस्कॉम (विद्युत वितरण कंपनियों) को देने का भी सुझाव दिया गया।

मुख्य सचिव पंकज जोशी ने चैम्बर के प्रस्ताव को गंभीरता से लेते हुए मामले की समीक्षा का आश्वासन दिया। वहीं, ऊर्जा एवं पेट्रोकेमिकल्स विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री एस.जे. हैदर ने भी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। यह पहल राज्य में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र को गति देने के साथ-साथ निवेशकों और उद्यमियों को राहत पहुंचाने में सहायक हो सकती है।

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