सूरत  : चेंबर द्वारा छठे नेशनल एचआर कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया

सूरत  : चेंबर द्वारा छठे नेशनल एचआर कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया

गतिविधियां हाईटेक होनी जरूरी हैं लेकिन कर्मचारियों के प्रति सहानुभूति, जुड़ाव और सशक्तिकरण बहुत जरूरी है: एचआर विशेषज्ञ

दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने शनिवार 28 जनवरी 2023 को सुबह 8:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक प्लेटिनम हॉल, सरसाना में पूरे दिन का 'छठा राष्ट्रीय एचआर कॉन्क्लेव' आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के एचआर  निदेशक तथा लंका आईओसी पीएलसी के अध्यक्ष रंजन कुमार महापात्र उपस्थित थे। जबकि आईआईएम अहमदाबाद के मार्केटिंग प्रोफेसर अरविंद सहाय और अपार इंडस्ट्रीज के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और एचआर ग्रुप हेड संजय कुमार ने विशेष अतिथि के रूप में इस अवसर की शोभा बढ़ाई।

कंपनियों में बेहतर उत्पादन के लिए एचआर की भूमिका महत्वपूर्ण होगी: चैंबर अध्यक्ष हिमांशु बोडावाला

चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष हिमांशु बोडावाला ने कहा कि कर्मचारियों की समय पर काम  और डिलीवरी की कुशलता उन्हें दूसरों से अलग करती है। किन्हीं भी दो कर्मचारियों के पास समान कौशल नहीं है। भले ही उनकी शैक्षिक योग्यता समान हो, लेकिन कर्मचारियों से मनचाहा काम पाना हमेशा चुनौतीपूर्ण होता है। सही बुनियादी ढांचा, सही उत्पाद और बाजार होने के बावजूद कई संगठन विफल हो जाते हैं। उचित नेतृत्व की कमी के कारण उन्हें वांछित परिणाम नहीं मिल पाते हैं। जैसा कि भारत का लक्ष्य वर्ष 2025 तक पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था हासिल करना है, बेहतर कर्मचारी प्रदर्शन और औद्योगिक दुनिया में विनिर्माण कंपनियों में बेहतर उत्पादन के लिए मानव संसाधन की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाएगी।

कर्मचारी से सहानुभूति, जुड़ाव और सशक्तिकरण पर जोर दे

मुख्य अतिथि और मुख्य वक्ता रंजन कुमार महापात्रा ने कहा कि गतिविधियों को हाईटेक करने की जरूरत है और एचआर बहुत सारे उत्पादक कार्य कर सकता है। उन्होंने सहानुभूति, जुड़ाव और सशक्तिकरण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सहानुभूति कर्मचारियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। कर्मचारियों के साथ कंपनी के सप्लायर्स, वेंडर्स से इंगेजमेंट भी जरूरी है। कर्मचारियों को कैसे सशक्त किया जाता है? यह एचआर के लिए महत्वपूर्ण बना हुआ है।

नेता प्रदर्शन करते हैं तो कर्मचारियों का प्रदर्शन भी बढ़ता है

वक्ता प्रोफेसर अरविंद सहाय ने कहा कि कंपनियों में जिस तरह से प्रोडक्टिविटी लेवल बढ़ाया जा सकता है, उसमें एचआर की भूमिका महत्वपूर्ण है। कंपनी के विकास के लिए कर्मचारियों के अलावा अन्य लोगों के साथ अधिकतम जुड़ाव के लिए एचआर एक सेतु हो सकता है। जब कुछ नया और अलग करने की इच्छा होती है, तो व्यक्ति को लगातार तलाश में रहना पड़ता है। उन्होंने कहा कि जब नेता प्रदर्शन करते हैं तो कर्मचारियों का प्रदर्शन भी बढ़ता है। उन्होंने एचआर प्रोसेस और इंगेजमेंट मोड्स के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

हाई-टेक और हाई-टच के बीच संतुलन बनाए रखे

अध्यक्ष संजय कुमार ने कहा, वर्तमान में हर क्षेत्र में बहुत तेज गति से परिवर्तन हो रहा है। जितनी ज्यादा टेक्नोलॉजी को अपनाया जाएगा, एचआर की जरूरत उतनी ही बढ़ेगी। तकनीक के समुचित उपयोग के लिए मनुष्य की आवश्यकता है। एचआर कंपनियों में सही व्यक्ति को बढ़ावा देता है। अगर एचआर कंपनी और संगठन में यूनियन लीडर की भूमिका में आ जाए तो यूनियनवाद कभी नहीं होगा। मानव संसाधन पेशेवरों को भी तकनीक को समझने और उसके साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। मशीन लर्निंग, दक्षता की उत्पादकता, उद्योग 4.0 और डिजिटलीकरण से कंपनियों को आगे आने में मदद मिल सकती है। लेकिन हाई-टेक और हाई-टच के बीच संतुलन बनाए रखने से शिक्षा और उद्योग के साथ मिलकर काम करने से सकारात्मक बदलाव आ सकता है। मानव संसाधन पेशेवर, उद्यमी और बिक्री प्रबंधक सभी मिलकर उद्योग का विकास कर सकते हैं।

पी पी सवानी विश्वविद्यालय के प्रोवोस्ट डॉ. पराग संघानी ने कहा, आज की युवा पीढ़ी को हाई-टेक और हाई-टच के बीच संतुलन बनाना सिखाना होगा। उन्हें स्कूल-कॉलेज में ज्ञान मिलेगा लेकिन उन्हें समाज के लिए अच्छा इंसान बनाने के लिए नैतिकता और मूल्य आधारित कौशल देना होगा। होव इंजीनियरिंग में एचआर हेड ऑफ प्रोजेक्ट्स जितेंद्र व्यास ने कहा कि कंपनियां अनुभवी कर्मचारियों को पहली तरजीह देती हैं लेकिन फ्रेशर्स को भी एचआर द्वारा मौका दिया जाना चाहिए।

सहजानंद समूह के प्रबंध निदेशक भार्गव कोटडिया ने कहा कि वर्षों पहले एक व्यक्ति जीवन भर एक ही कंपनी के लिए काम करता था। उसके बाद एक व्यक्ति दो से पांच कंपनियों में अपना करियर बनाता था, लेकिन अब लोग दो से तीन अलग-अलग क्षेत्रों में अपना करियर बना रहे हैं। इसके अलावा एपस्टोनलैब टेक्नोलॉजीज एलएलपी की एचआर मैनेजर नम्रता मिश्रा ने कहा कि कंपनियों में मैन्युअल प्रॉब्लम हो या डिजिटल प्रॉब्लम हो, उसका समाधान ढूंढ़ना जरूरी है।

Tags: Surat SGCCI