मकरसंक्रांति से पूर्व डोनेट लाइफ संस्था द्वारा पतंगोत्सव का आयोजन, अंगदान के प्रति जागृति फैलाना लक्ष्य

मकरसंक्रांति से पूर्व डोनेट लाइफ संस्था द्वारा पतंगोत्सव का आयोजन, अंगदान के प्रति जागृति फैलाना लक्ष्य

सार्वजनिक एज्यूकेशन सोसायटी के छात्र-छात्राएं और शिक्षकण भी आयोजन में शामिल हुए

मकरसंक्रांति के अवसर पर गुजरात में पारंपरिक रूप से पतंगबाजी का चलन है। इसी लोक-भावना को मद्देनजर रखते हुए शहर की प्रतिष्ठित डोनेट लाइफ संस्था के तत्वावधान में लालभाई कोन्ट्राक्टर स्टेडियम में अंगदान करने वाले डोनर परिवारों के लिये मकरसंक्रांति से पूर्व एक विशेष पतंगोत्सव का आयोजन किया गया। इस मौके पर डोनेट लाइफ के कर्ताधर्ता निलेश मांडलेवाला के अलावा ऐसे लोग थे जिनके परिजनों ने अंगदान किया है और जरूरतमंदों को नया जीवन दिया है। डोनेट लाइफ के कार्यक्रम में सार्वजनिक एज्यूकेशन सोसायटी के छात्र और छात्राएं और शिक्षकण भी शामिल हुए। 

आसमान में ऐसी पतंगें उड़ी जिसमें नागरिकों को अंगदान का संदेश दिया गया। आसमान रंग-बिरंगी पतंगों से सरोबार था और मैदान में सैंकडों लोग पतंगें उड़ा रहे थे। इतना ही नहीं एक के हाथ में पतंग की डोर और दूजे के हाथों में चरखी, बिलकुल वैसा की समां बांधे हुए था जैसे अंगदान में मामले में होता है। अंगदान के पश्चात् उसे प्राप्त करने वाला नया जीवन जी रहा होता है और अंगदान करने वाले परिजनों के दिल में सुकुन होता है कि उनके प्रियजन ने इस दुनिया से अलविदा कहने से पहले समाज पर उपकार किया, किसी को नया जीवन बख्‍शा।

इस अवसर पर निलेश मांडलेवाला ने कहा कि मकरसंक्रांति से पूर्व हर साल डोनेट लाइफ संस्था द्वारा डोनर परिवारों के हितार्थ पतंगोंत्सव का आयोजन किया जाता है। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य यही होता है कि समाज में अंगदान की जागृति फैले, लोग अंगदान की प्रतिज्ञा लें। उन्होंने बताया कि यहां जो पतंगें उड़ाई जाती हैं उस पर भी अंगदान-जीवनदान का संदेश छपा होता है। ऐसे में पतंग उड़ाने वाले तक पास तो अंगदान का संदेश होता है ही है, लेकिन जब पतंग कट कर किसी के पास पहुंचती है तो उस तक भी अंगदान का संदेश पहुंचता है। इतना ही नहीं अंगदान लिखे संदेश वाले पतंग शहर के अलग-अलग हिस्सों में भी वितरीत की जायेंगी।