उत्तर प्रदेश : बंदर के आतंक से जूझ रहे शाहजहांपुर के इस गाँव ने जो युक्ति अपनाई वो जानकार है हर कोई हैरान, बंदरों से भी मिला छुटकारा

उत्तर प्रदेश : बंदर के आतंक से जूझ रहे शाहजहांपुर के इस गाँव ने जो युक्ति अपनाई वो जानकार है हर कोई हैरान, बंदरों से भी मिला छुटकारा

लम्बे समय से बंदरों के आतंक से जूझ रहे गाँव ने चंदा मिला कर पाला एक लंगूर, गाँव से नदारद हुए बाकी बंदर

उत्तर भारत समेत उत्तर भारत के कई इलाकों  के कई जिलों में लोग बंदरों के आतंक से बहुत ही परेशान हैं। ऐसा ही एक जगह है शाहजहांपुर शहर, जहन भी इन दिनों बंदरों का आतंक सबसे बड़ी समस्या है। एक ओर जहां बंदरों की लगातार बढ़ती जनसंख्या से लोगों का जीना मुहाल हो गया है तो वहीं दूसरी ओर यह बंदर गांव-गांव पहुंच चुके हैं। लाख जतन करने के बाद भी जब बंदरों का उत्पात कम नहीं हुआ तो थक हारकर बंदरों के उत्पात से बचने के लिए एक गांव में अनोखा जुगाड़ अपनाया है। हुआ ऐसा कि ग्रामीणों ने इन बंदरों को दूर रखने के लिए लंगूर खरीद कर लाए हैं, जिसको देखकर बंदर गांव से ऐसे गायब हो गये है जैसे गधे के सर से सींघ!

इस युक्ति से मिला बंदरों के आतंक से छुटकारा

आपको बता दें कि शाहजहांपुर शहर से मात्र 8 किलोमीटर दूर राई खेड़ा गांव इन दिनों चर्चा का केंद्र बना हुआ है। यहां के सैकड़ों ग्रामीणों ने बंदरों को भगाने के लिए लंगूर पाला है। ये लंगूर गांव में रहकर आने वाले जंगली बंदरों को दूर भगा देता है। ऐसे में लम्बे समय से बंदरों के आतंक से जूझ रहे ग्रामीणों को लंगूर पालने की वजह बड़ी राहत मिली है और अब गांव से बंदर नदारद हो चुके हैं। अब यह गांव इन दिनों इस अनोखे तरीके के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है।।

लंगूर के लिए किया चंदा

गौरतलब है कि काफी समय से करीब  ढाई सौ मकैक बंदर इस गांव में करीब बंदर फसलों को नष्ट कर रहे थे। साथ ही दिनभर घरों में घुसकर कपड़े फाड़ना और खाने के सामान को लूट रहे थे। इतना ही नहीं इन बंदरों ने कई बच्चों को काट भी लिया था। ऐसे में इन ग्रामीणों ने आपस में चंदा कर लंगूर को मंगाया है। लंगूर के आने के बाद इस गांव के बंदर भाग खड़े हुए और ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है।