रेप मामले में बरी हुए आरोपी ने सरकार से मांगे 10000 करोड़, वजह जानकर चौंक जाएंगे आप

रेप मामले में बरी हुए आरोपी ने सरकार से मांगे 10000 करोड़, वजह जानकर चौंक जाएंगे आप

मध्य प्रदेश के रतलाम जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। एक आदिवासी युवक ने शिवराज सरकार से हजारों करोड़ रुपये की मांग की है।  इस युवक ने पैसे मांगने की वजह बताई है कि लोग हैरान हैं। युवक ने कारावास के दौरान सामाजिक, पारिवारिक मानहानि और शारीरिक प्रताड़ना के लिए मुआवजे की मांग की है।  युवक ने मुआवजे के तौर पर 10 हजार करोड़ रुपए की मांग की है। युवक ने लाख-दो लाख या करोड़ रुपये नहीं बल्कि पूरे 10 हजार करोड़ रुपये मांगे हैं।

इन खबरों के सामने आने के बाद लोग हैरान हैं। मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के निवासी युवक ने राज्य सरकार पर 10,000 करोड़ रुपये के दावे मुकदमा दायर किया है। इस युवक को गलत तरीके से दुष्कर्म के अपराध में फंसाया गया था, जिसके चलते उसे जेल जाना पड़ा था। अब इस युवक ने सरकार से मुआवजे के तौर पर इतनी बड़ी रकम की मांग की है।  

आदिवासी युवक के 10 करोड़ के मुआवजे का हिसाब

रतलाम के युवक कांतिलाल भील उर्फ ​​कंतू को पुलिस ने 666 दिन पहले दुष्कर्म के आरोप में जेल भेजा था। इस मामले की सुनवाई में युवक बेगुनाह साबित हुआ और कोर्ट ने उसे रिहा कर दिया। दो साल बाद जेल से बाहर आने के बाद युवक ने राज्य सरकार पर 10 हजार करोड़ का मुकदमा ठोका है।युवक का कहना है कि कारावास के दौरान उसके परिवार को जिस अपमान का सामना करना पड़ा, वे स

भी दिन मरने के समान थे। परिवार में अकेले कमाने वाले होने के कारण उनके परिवार को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। साथ ही इस आरोप के कारण उनका करियर भी बर्बाद हो गया है। उन्हें परिवार सहित जिस शारीरिक व मानसिक स्थिति का सामना करना पड़ा उसके अनुसार प्रतिदिन 1-1 करोड़ का मुआवजा दिया जाए। इस राशि के अलावा युवक ने अन्य रकम के हिसाब का कारण सभी को हैरान कर रहा है।
 

शारीरिक सुख न मिलने के नाम पर हजारों करोड़ रुपए की मांग की

युवक कांतिलाल के मुताबिक सामाजिक ताने-बाने के चलते उसे और उसके परिवार को आए दिन मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ता था। लोग इसे कुकर्मों का परिवार कहते थे। पुलिस की गलत जांच के कारण मेरे साथ यह सब हुआ।

कांतिलाल कहते हैं कि मेरे परिवार को  दो वक्त की रोटी भी नसीब नही हो रहा था। जेल में जितने दिन गुजारे हैं, उन्हें पूरा भरण-पोषण दिया जाए। इस घटना में युवक द्वारा मुआवजे के लिए चौंकाने वाला कारण बताया गया है, जिसमें उसका कहना है कि दो साल की कैद के दौरान वह शारीरिक सुख भी नहीं ले सका।  जिससे सरकार को 10 हजार करोड़ रुपये का 
मुआवजा देना होगा।

परिवार के पास कपड़े तक के पैसे नहीं थे

35 वर्षीय कांतिलाल का कहना है कि शारीरिक सुख भोगना मनुष्य को ईश्वर की देन है। एक झूठे आरोप के बाद कारावास के कारण वह दो साल तक शारीरिक सुख का आनंद लेने में असमर्थ रहा। कांतिलाल का आरोप है कि एक गलत अपराध में जेल जाने से उनकी पूरी दुनिया ही बदल गई। उनकी पत्नी, बच्चों और मां को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। परिवार के पास कपड़े तक के पैसे नहीं थे। उन्हें भी जेल में बिना कपड़ों के अत्यधिक ठंड और गर्मी का सामना करना पड़ा। इन सभी को पूरा मुआवजा दिया जाए। जब उनके पास केस लड़ने के पैसे भी नहीं थे तो एक वकील ने फ्री में केस लड़ा और आज वो बरी हो गए।
 

जागरूकता के लिए सरकार पर मुकदमा किया

युवक का कहना है कि वह ऐसे मामलों को लेकर समाज में जागरूकता पैदा करना चाहता है। पुलिस को ऐसे मामलों की गंभीरता से जांच करनी चाहिए। अगर कोई महिला किसी को गलत मामले में फंसाती है तो उस महिला के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। कंतू के वकील विजय सिंह यादव ने राज्य सरकार और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ 10 हजार 6 करोड़ 2 लाख रुपये का दावा पेश किया है।  2018 में कोरोना काल से पहले एक महिला ने उन्हें झूठे आरोप में फंसा दिया। पुलिस द्वारा बिना मामले की जांच किए युवक के खिलाफ कार्रवाई करने से युवक की जिंदगी बर्बाद हो गई। उन्होंने यह मामला इसलिए दर्ज कराया है ताकि ऐसी घटना किसी और के साथ न हो। 

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