सूरत : उधार में बेचने का समय नहीं, क्वालिटी पर ध्यान दें कपड़ा कारोबारी 

सूरत : उधार में बेचने का समय नहीं, क्वालिटी पर ध्यान दें कपड़ा कारोबारी 

सूरत का कपड़ा बाजार बदलाव की ओर अग्रसर है, बता रहे हैं कपड़ा उद्यमी संदीप गुप्ता

रिंग रोड स्थित कोहिनूर मार्केट में 2339-50 में कैश बाजार डॉट. कॉम के नाम से कपड़े का कारोबार करते संदीप गुप्ता बताते हैं कि सूरत का कपड़ा बाजार बदलाव की ओर अग्रसर है। सालों से यहां साड़ी, ड्रेस सहित सीमित कपड़े ही तैयार किये जाते थे और उधार में बेचे जाते थे। परंतु आज सूरत में अनेकों तरह के कपड़े तैयार होने लगे हैं। जिस तरह से कपड़ा मार्केट में चेंजेस देखने को मिल रहा है, उसी तरह व्यापारी भाईयों को भी अपने व्यापार में समय-समय पर कुछ नयापन करते रहना चाहिए। हालांकि अधिकांश कपड़ा कारोबारी अपने व्यापार के तौर तरीक बदल कर अच्छे से व्यापार कर रहे हैं। 

कपड़ा मार्केट बहुत तेजी से विकास करेगा

संदीप गुप्ता बताते हैं कि हाल में कुछ मंदी का माहौल है, लेकिन  आगामी कुछ ही दिनों में यानी जनवरी के प्रथम सप्ताह से ही अच्छी ग्राहकी की उम्मीद है। कारण कि संक्रांति के बाद वैवाहिक शुरु होने से बाहर की मंडियों के व्यापारी सूरत की ओर रुख करेंगे। वे बताते हैं कि सूरत में पहले साड़ी, ड्रेस जैसे कपड़े ही तैयार होते थे। लेकिन आज सूरत में साड़ी, ड्रेस के अलावा शूटिंग-सर्टिंग, कुर्ता, पायजामा, नीटिंग, चादर, सोफा के कपड़े, जूते के कपड़े, बैग के कपड़े, अस्पतालों में उपयोग होने वाले कपड़े, कारों में काम आने वाले कपड़े भी अब सूरत में बनने लगे हैं। यही कारण है कि सूरत का कपड़ा मार्केट बहुत 
तेजी से विकास करेगा। यहां के कपड़ा मार्केट की मंदी बहुत जल्द ही छटने वाली है। 

उधार माल बेचने से व्यापारियों को बचना होगा

संदीप गुप्ता बताते हैं कि आज के समय में प्रत्येक उद्योग धंधों में बहुत बदलाव हो चुका है। पहले की अपेक्षाकृत लागत अधिक और मुनाफा कम होने लगे है। इस सब के बीच ऑनलाइन सेल बढ़ी है। वे बताते हैं कि सूरत में रेडीमेड कपड़े भी बड़ी मात्रा में तैयार होने लगे हैं। आगामी दिनों में सूरत रेडीमेड का हब बनेगा। उन्होंने व्यापारियों से समय के साथ बदलते हुए अपने व्यापार में बदलाव लाने के साथ क्वालिटी में सुधार करने की गुजारिश करते हुए कहा कि नकद में कपड़ा तैयार कर उधार में बेचने का समय अब नहीं है। बल्कि अब अपने गुणवत्ता पर ध्यान देते हुए मुनाफा कम रखकर नकद में कपड़ा 
बेचें, यही समय की मांग है। उधार में माल बाहर की मंडियों में भेजने के बाद  जब पेमेन्ट का समय होता है तब व्यापारी बचा हुआ माल वापस कर देता है। इसलिए उधार माल बेचने से सूरत के व्यापारियों को बचना होगा। व्यापारी अपने क्वालिटी पर ध्यान देगा तभी यह संभव हो पाएगा।