सूरत : श्रीमद् भागवत कथा सुनने से भक्ति के दोनों पुत्र ज्ञान-वैराग्य तरुण होकर नृत्य करने लगे!

सूरत : श्रीमद् भागवत कथा सुनने से भक्ति के दोनों पुत्र ज्ञान-वैराग्य तरुण होकर नृत्य करने लगे!

तारणहार है श्रीमद् भागवत कथा : मनुश्री महाराज

मलमास के पावन उपलक्ष्य में ओपन ग्राउंड कृष्णा हेरिटेज के सामने अंबिका टाउनशिप के पास डिंडोली में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिवस व्यासपीठ से राष्ट्रीय कथाकार मनुश्री महाराज (रतनगढ़ वाले)ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा तारणहार है। जो जीव श्रीमद्भागवत की शरण में आता है श्रीमद् भागवत कथा  उसको समस्त आनंद प्रदान करती है। क्योंकि श्रीमद् भागवत कथा कल्पवृक्ष के समान है, जो जीव के सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती है। इसलिए हर जीव को श्रीमद् भागवत कथा श्रवण अवश्य करना चाहिए।  

मनुश्री ने बताया कि श्रीमद्भागवत कथा को शास्त्रों में पंचम वेद के नाम से जाना गया है। हर जीव को इस श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करने का हर संभव प्रयास करना चाहिए। भागवत कथा सुनने से भक्ति के दोनों पुत्र ज्ञान और वैराग्य तरुण होकर नृत्य करने लगे। श्रीमद् भागवत कथा सुनने से धुन्धुकारी  जैसे प्रेत की मुक्ति हो गई। श्रीमद् भागवत कथा जीवन प्रदान करती है। श्रीमद् भगवत कथा का समय प्रतिदिन दोपहर 1:00 से सायं काल 4:00 बजे तक है। कथा में बड़ी संख्या में भक्तगण उपस्थित रहे। श्रीमद् भगवत कथा के साथ ही नानी बाई का मायरा का विशाल आयोजन प्रति रात्रि 8: बजे से कथा स्थल पर है। 

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