वडोदरा : केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत 416 लाभार्थियों को 256 करोड़ रुपये की सहायता

वडोदरा :  केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत 416 लाभार्थियों को 256 करोड़ रुपये की सहायता

आजादी का अमृत महोत्सव के तहत देश के सभी जिलों में भारत सरकार के वित्त विभाग द्वारा ग्राहक संपर्क कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है

आजादी का अमृत महोत्सव के तहत देश के सभी जिलों में भारत सरकार के वित्त विभाग द्वारा ग्राहक संपर्क कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें व्यापार उद्योग एवं रोजगार के लिए आर्थक सहयात उपलब्ध कराने वाली केन्द्र सरकार की विविध योजनाओं जैसे कि मुद्रा, स्वनिधि, स्वसहाय जूथ के लाभार्थियों को बैंकों द्वारा सीधा संपर्क कर मिलने वाला लाभ दिया जा रहा है। जिसके तहत बुधवार को केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड की प्रेरक उपस्थिति में वडोदरा के सर सयाजी नगर हाउस में एक दिवसीय ग्राहक संपर्क कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में वडोदरा के 416 लाभार्थियों को केन्द्र सरकार की अलग-अलग योजना अंतर्गत 256 करोड़ से अधिक रकम का ऋण स्वीकृति पत्र और चेक जारी किए गए। इनमें से कुछ लाभार्थियों को केंद्रीय मंत्री और सांसद रंजनबेन भट्ट ने चेक सौंपा  तथा योजनाओं के हितग्राहियों से फीडबैक प्राप्त किया।
कैसे हो? 'यह कहते हुए गुजराती में अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए डॉ. भागवत कराड ने कहा, "गुजरात एक आदर्श राज्य है, और इसका विकास मॉडल अन्य राज्यों में भी लागू किया जा रहा है।" उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के पारदर्शी कार्यान्वयन के माध्यम से गुजरात में व्यापार बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि "प्रधान मंत्री का लक्ष्य गरीबों को सुविधाएं प्रदान करना, आम लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाना है और बैंकों के माध्यम से समाज के अंतिम व्यक्ति तक इसका लाभ मिले। उन्होंने कहा कि विभिन्न योजनाओं के माध्यम से गरीबों का आर्थिक उत्थान कैसे किया जा सकता है और देश की अर्थव्यवस्था कैसे फल-फूल सकती है, इस संकल्प के साथ बैंक भी प्रधानमंत्री के लक्ष्य की दिशा में अपना अमूल्य योगदान दे रहे हैं।
इस मौके पर सांसद रंजनबेन भट्ट ने कहा, 'अतीत में लोगों को बैंकों में जाकर खाता खुलवाने के लिए गिड़गिड़ाना पड़ता था।  लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में बैंक ग्राहक के पास जाता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह बदलाव नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद आया है। उन्होंने कहा, ''कोरोना काल में बैंकों ने अपने संचालन के अलावा भूखे को खाना खिलाने के भगीरथ के काम में भी सेवा दी, जिसकी उन्होंने सराहना की।
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