वडोदरा : बुटलेगर के फरार होने के मामले में एक पुलिसवाले का आश्चर्यजनक बयान, कहा, 'लॉकअप में बंद करना भूल गया था!'

वडोदरा : बुटलेगर के फरार होने के मामले में एक पुलिसवाले का आश्चर्यजनक बयान, कहा, 'लॉकअप में बंद करना भूल गया था!'

पिछले दिनों वडोदरा के वरनामा पुलिस स्टेशन में से एक कुख्यात बुटलेगर हरीश सिंधी के भाग गए होने के मामले में कुछ पुलिस वालों के भी शामिल होने का आशंका जताई जा रही है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि वरनामा थाने के कुछ पुलिसकर्मियों ने हरिश्चंद्र को भागने में मदद की हो सकती है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार पुलिस अधिकारी ने कहा कि सिंधी ने मंगलवार शाम को अपने गिरोह के एक सदस्य संपर्क कर एक लाख नगद अलग से रखने को कहा था। पुलिस हिरासत से भागने के बाद सिंधी को अपने खर्चे के लिए पैसे की जरूरत थी और इसलिए ही उसने ऐसा कहा था। इसका अर्थ यह कि एक दिन पहले से ही हरीश सिंधी भागने की तैयारी में था।
मंगलवार देर रात वरनामा थाने से भागने के बाद सिंधी अपनी पत्नी से उसके आवास पर मिला भी था और वहां से पैसे लेकर अपने साथी कमलेश उर्फ पप्पू डावर के साथ एक कार में भाग निकला। विभिन्न स्थानों के सीसीटीवी फुटेज से यह बात साबित भी हुई है। वरनामा पीएसआई केएच डीहोला ने एक एफआईआर दर्ज करवाई। जिसमें लिखा गया कि सहायक उप निरीक्षक मुकेश डालाबाई, जिनके ऊपर सिंधी को भगाने का आरोप है। उन्होंने रात को सिंधी को लोकअप के बाहर रखा और उसके साथ ही पप्पू डावर से मिलने की अनुमति भी दी। हालांकि मुकेश ने इस बारे में दावा किया कि वह सिंधी को वापस लॉकअप में डालना भूल गए थे और बाद में उन्हें महसूस हुआ की वह भाग गया है।
हरीश को पकड़ने के लिए फिलहाल पुलिस ने कई टीमें बनाई है। इसके पहले क्राइम ब्रांच द्वारा काफी मशक्कत के बाद उसे अहमदाबाद से पकड़ा गया था। जिसके बाद उसका कब्जा वरनामा पुलिस को सौंप दिया गया। उल्लेखनीय है कि सिंधी के खिलाफ विभिन्न थानों में 2 दर्जन से अधिक मामले दर्ज है। जिसमें बुटलेगिंग और आर्म्स एक्ट के तहत भी कई मामले शामिल है। जबकि सात अपराध के लिए तो वह वांटेड भी घोषित था।