वडोदरा : पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेगा वडोदरा का प्राणी संग्रहालय एवं चिड़ियाघर

वडोदरा :  पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेगा वडोदरा का प्राणी संग्रहालय एवं चिड़ियाघर

केवड़िया जू से भी ज्यादा आकर्षक डिजाइन होने से दूसरे शहर करेंगे अनुकरण

वडोदरा महानगर पालिका द्वारा सयाजी बाग प्राणी संग्रहालय एवं चिड़ियाघर जू ऑथोरिटी ऑफ इंडिया की गाइड लाइन के अनुसार  तीन चरणों में बनाया जाएगा, जिसमें  25 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत का अनुमान है। प्रथम दो चरण के कार्य पूर्ण होने की कगार पर है। केवडिया की तुलना में वडोदरा के प्राणी संग्रहालय एवं  चिड़ियाघर पर्यटकों के लिए अधिक आकर्षक होने एवं प्राणी-पक्षियों के लिए सुविधाजनक होने से अन्य राज्य चिड़ियाघर क्यूरेटरों द्वारा सराहा गया है। 
वडोदरा के सयाजीराव गायकवाड़ तीन ने  सयाजी भाग की भेट दी थी, जिसमें प्राणी संग्रहालय एव चिड़ियाघर तथा टॉय ट्रेन सहित के आकर्षण पर्यटकों के लिए बनाया था। समय के साथ, भारतीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने चिड़ियाघरों और पक्षी अभयारण्यों के लिए नए नियम बनाए, जिनमें सयाजीबाग स्थित चिड़ियाघर के पिंजरे छोटा पड़ रहा था, जिसे ध्यान में रखते हुए प्रामी संग्रहालय का स्थलांतरण कर आजवा सरोवर के बाजू में नया प्राणी संग्रहालय बनाने का आयोजन शुरु किया था। उस समय वडोदरा महानगर पालिका ने फंड एकत्रित करने के लिए रविना टंडन सहित के कलाकारों की स्टार नाइट  रखी थी। जिससे एक करोड़ से अधिक का फंड एकत्रित किया गया था।  
आजवा सरोवर के बाजू में बना नया प्राणी संग्रहालय

वडोदरा नगर निगम द्वारा संचालित सयाजीबाग से आकर्षक चिड़ियाघर के स्थानांतरण से सयाजीबाग का आकर्षण कम हो जाएगा, इस बात को ध्यान में रखते हुए  तत्कालीन नगर आयुक्त डॉ. विनोद राव ने भारतीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की गाइडलाइन के अनुसार सयाजीबाग में तीन नए पिंजरे बनाने की योजना बनाई थी। जिसमें तीन चरण में प्राणी संग्रहालय एवं चिड़ियाघर  बनाने का फैसला किया था।
भारतीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की गाइडलाइन के अनुसार, वडोदरा नगर निगम ने पहले चरण में 6 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बड़े जानवरों और जानवरों और पक्षियों के इलाज के लिए एक अस्पताल बनाने की योजना बनाई थी। जिसे दो साल पहले पूरा किया गया था जबकि दूसरे चरण में अत्याधुनिक विदेश जैसे चिड़ियाघर  बनाने की योजना है जो साल 2018 में शुरू हुई थी और जल्द ही पूरी हो जाएगी। तीसरे चरण में पक्षियों और जानवरों के प्रजनन के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गई है और साथ ही एक अभिनव खाद्य भंडार स्थापित करने की योजना है। जिसके पीछे 4 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत आएगी।

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