वडोदराः ,गाम की प्रथामिक शाला में लोक सहयोग से 10 बेड का आइसोलेशन सेन्टर शुरु करने की प्रेरक पहल

वडोदराः ,गाम की प्रथामिक शाला में लोक सहयोग से 10 बेड का आइसोलेशन सेन्टर शुरु करने की प्रेरक पहल

, जन जागरूकता बढ़ाने के विभिन्न उपायों ने गाँव में कोरोना संक्रमण को दूसरी लहर में नियंत्रित करने में सक्षम किया है

दानदाता घनश्यामभाई ने गांव के सरकारी दवाखाना को 7 लाख की एम्बुलेंस भेंट की
वड़ोदरा शहर से केवल पाँच किमी दूर स्थित वड़ोदरा तालुका का अंकोडिया गाँव मेरा गाँव कोरोना मुक्त गांव के चुनौती को सही मायने में रोकने में सफल रहा है। शहर के करीब होने के बावजूद गांव में कोरोना को पैर पसारने से रोकने में सफलता मिली है। 
लगभग 4,600 की आबादी वाले गांव के सरपंच  उल्पेशभाई पटेल का कहना है कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर में ग्रामीणों के आत्म-संयम एवं चुस्त अनुशासन के कारण, गाँव में कोरोना के प्रसारण को रोका जा सका है। उन्होंने कहा कि मारू गाँव कोरोना मुक्त गाँव अभियान के तहत गाँव के प्राथमिक विद्यालय में 10 बिस्तरों का एक अलगाव केंद्र शुरू किया गया है। जो मरीज कोरोना के सामान्य लक्षणों का अनुभव करते हैं और जिनके पास घर पर अलगाव की सुविधा नही है, उन्हें संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए केंद्र में नि: शुल्क इलाज किया जाएगा। इस केंद्र में जनता की मदद से रोगियों को चाय, नाश्ता और सुबह और शाम का भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।पास के कोयली प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के तहत ऐसे मरीज का उपचार किया जाएगा। गांव स्थित उप केन्द्र के मार्फत भी मरीजा का उचित देखभाल किया जाता है। 
उल्पेशभाई का कहना है कि कोरोना के बारे में ग्रामीणों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए, पब्लिक एड्रेस सिस्टम द्वारा मास्क पहनने, सामाजिक दूरी बनाए रखने और लगातार हाथ धोने की जानकारी प्रदान करती है। यदि किसी को बिना मास्क पहने देखा जाता है, तो उनसे अनुरोध किया जाता है कि वे पहले मास्क पहनें।
कोरोना से बचने के लिए ग्रामीणों में जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ गाँव में मास्क और सैनिटाइज़र वितरित किए गए हैं। यही नहीं, गाँव में युवाओं की एक कोरोना योद्धा टीम भी बनाई गई है। जिससे ग्रामीणों को कोरोना संक्रमण को रोकने में भी मदद मिल रही है।
गांव के नेता घनश्यामभाई पटेल ने एम्बुलेंस रोगियों के आगे के उपचार के लिए कोयली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को 7 लाख रुपये का दान दिया है। अंकोडिया गांव ने ग्रामीण जनशक्ति की मदद से कोरोना के प्रसार को रोकने का एक प्रेरक उदाहरण पेश किया है।