गुजरात : कोरोना के सामने लड़ने का मुख्य शस्त्र बना रही है वडोदरा की यह 6 महिलाएं

गुजरात : कोरोना के सामने लड़ने का मुख्य शस्त्र बना रही है वडोदरा की यह 6 महिलाएं

खुद जिला कलेक्टर कर चुके है आभार व्यक्त

पिछले साल भर से देश भर में कोरोना ने अपना कहर ढाया हुआ है। ऐसे में सभी की उचित समय पर जांच करके ही उनको बचाया जा सकता है। पिछले कुछ समय से देश भर में कोरोना वायरस की टेस्टिंग करने के लिए RT-PCR टेस्ट को ही प्रमाणभूत माना गया है। ऐसे में वडोदरा जिले में RT-PCR किट का उत्पादन करने वाली एकमात्र कोसेरा डायग्नोसिस में काम करने वाली महिलाओं ने कोरोना के इस कठिन काल में भी आरटीपीसीआर किट का निर्माण कर समाज को एक महत्वपूर्ण भेट दी है। 
वडोदरा जिले में कार्यरत कोसेरा डायग्नोसिस में काम करने वाली यह महिला अलग-अलग डिपार्टमेंट संभालते हुये RTPCR टेस्ट किट का महत्तम उत्पादन और प्रमाणभूतता का ध्यान रखा है। संस्था की सीनियर मेनेजर डॉ. स्वपनाली कुलकर्णी ने बताया की तकनीकी सेवा, गुणवत्ता की टेस्टिंग, उत्पादन और संशोधन जैसे सभी विषयों में आगे बढ़ कर काम करने वाली सभी महिला कर्मचारियों ने मिलकर 16 लाख से अधिक RT-PCR टेस्ट किट क निर्माण किया है। डॉ चौला शास्त्री के मार्गदर्शन में डॉ स्वपनाली कुलकर्णी(सीनियर मेनेजर), जुली तहिलरामानी(क्वालिटी चेक ऑफिसर), केशा परिख(प्रोडकशन हेड), किर्ति जोशी (क्वालिटी कंट्रोल ओफिसर) तथा जूनिता वर्मा और जानकी दलवाड़ी(रिसर्च एंड डेवलपमेंट) ने मिलकर अपने स्वास्थ्य और समय की चिंता किया बिना RT-PCR का उत्पादन करते हुए समाज के लिए काफी बड़ा योगदान दिया है। इस स्टार्टअप में काम करने वाली सभी 6 महिला महिला सशक्तिकरण का एक सर्वश्रेष्ठ उदाहरण बनी है। खुद जिला कलेकातर ने उनका आभार व्यक्त किया था। वैसे तो यह सभी सुबह 9 से 5 बजे तक काम करते है। पर यदि किट की मांग बढ़ जाती है तो उसके लिए सुबह जल्दी आने या शाम को देर तक रुक कर काम करने में भी वह संकोच नहीं करते। लोकडाउन के इस कठिन समय में इन सभी महिलाओं की सेवा के लिए समाज के सभी लोग अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते है।