राजकोट : ये चोर बाइक नहीं, उसकी डिकी में रखे सामान पर ही हाथ साफ करता था!

राजकोट : ये चोर बाइक नहीं, उसकी डिकी में रखे सामान पर ही हाथ साफ करता था!

चोर के कबूलनामे से पुलिस की आंखे आई बाहर

राज्य में पिछले काफी समय से असामाजिक तत्वों द्वारा आए दिन कानून का उल्लंघन किया जा रहा है। मानों चोर और लुटेरों को कानून और पुलिस का कोई डर ही ना रह गया हो ऐसा लगता है। राजकोट में ऐसे ही एक असामाजिक तत्व को पुलिस ने पकड़ा है। जिसने जब अपनी चोरी की कहानियाँ बताना शुरू किया तो खुद पुलिस की आंखे खुली रह गई। 
रिपोर्ट के अनुसार, राजकोट पुलिस को जानकारी मिली की जीवराज पार्क अंबिका टाउनशिप के पास एक अंजान आदमी सभी गाड़ियों की डिक्की चेक कर रहा है। इस जानकारी के अनुसार, पुलिस ने डिक्की चेक कर रहे निकुंज चोटलिया नाम के अंजान आदमी को हिरासत में लिया था। पुलिस को पता चला की निकुंज पहले भी चोरी के कई केस में पुलिस हिरासत में आ चुका है। जिसके चलते पुलिस ने उसे हिरासत में लिया और उसके पास से रेडमी कंपनी का फोन, 10 हजार रुपए और एक चोरी की एकटिवा मिल आई थी। इसके अलावा पुलिस को अलग-अलग मोटर साइकल की चाबियाँ भी मिल आई थी। 
जब पुलिस ने आरोपी की पूछताछ शुरू की तो पुलिस को पता चला की आरोपी ने एक साल पहले बहुमाली भवन के पास स्थित सिल्वर नेस्ट अपार्टमेंट के पार्किंग में से एक एकटिवा की डिक्की तोड़ कर 4 हजार रुपए की चोरी की थी। इसके अलावा 9 महीने पहले सेंट्रल बेंक के पास भी एक डिक्की तोड़ी थी, जहां से उसने कैश और पासपोर्ट की चोरी की थी। इसके अलावा राजकोट के कोटेचा चोक के पास भी एक एकटिवा की डिक्की तोड़ कर उसमें से 5 हजार रुपए चुराये थे। इसके अलावा 3 महीने पहले सयाजी होटल के पास आशुतोष पार्टी प्लॉट के सामने पार्किंग में पड़ी एकटिवा में से 30 हजार और सोने की कान की बाली, ढाई महीने पहले 150 फीट रिंग रोड पर से एक एकटिवा फोन की डिक्की में से 70 हजार रुपए चुराये थे। 
पुलिस ने बताया की इसके अलावा भी आरोपी ने एस्ट्रोन चोक के सामने से रामदेव मोबाइल के नजदीक आए एक बाइक की डिक्की तोड़कर उसमें से सोने की चैन और मंगलसूत्र चुराये थे। 6 महीने पहले लिमड़ा चोक इलाके में से विशाल ट्रावेल्स की ऑफिस में से एक एवियटर बाइक का टीका तोड़ उसमें से कॅश चुराये थे। इसके अलावा भी कई चोरी की घटना खुद आरोपी द्वारा कबुल की गई थी। आरोपी निकुंज के कबूलनामे के बाद खुद पुलिस भी एक बार भौचंकी रह गई थी।