राजकोटः पिता की मौत के तीसरे दिन पुलिस पुत्र ने दी नीट की परीक्षा, जानें बेटे ने क्या संदेश दिया

एमबीबीएस डॉक्टर बनना मेरा और मेरे पिता का सपना था, मैं उनके सपने को साकार करूंगा: बेटा

कोरोना ने एक वर्ष पूरा किया, राजकोट में 250 से अधिक पुलिस कर्मी कोरोना से संक्रमित थे 
कोरोना महामारी को एक वर्ष बीत चुका है। गुजरात का पहला कोरोना मामला राजकोट में सामने आया था। पुलिस ने कोरोना महामारी में योद्धाओं की भूमिका निभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कोरोना संक्रमित क्षेत्रों में जीवन  जोखिम में डालकर ड्यूटी बजाई है। आज हम एक पुलिसकर्मी के बेटे के बारे में बात करना चाहते हैं। शहर में पुलिस नियंत्रण कक्ष में ड्यूटी पर तैनात हेड कांस्टेबल प्रद्युमन सिंह प्रवीणसिंह गोहिल ड्युटी करते हुए कोरोना की चपेट में आ गये थे।  दुर्भाग्य से 3 दिनों के अल्प उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। लेकिन उनके बेटे ने अपने पिता की मृत्यु के तीसरे दिन नीट की परीक्षा दी। बेटे ने कहा पिता की अवसान से परिवार अभी भी सदमें में हैं। 
बेटा कक्षा 12 विज्ञान वर्ग में पढ़ रहा था
सितंबर 2020 में जब राजकोट में कोरोना  चरम पर यानी अचानक मामलों की संख्या बढ़ गई। उस समय, राजकोट पुलिस कंट्रोल रूम में लगभग 11 पुलिसकर्मी कोरोना से संक्रमित थे। उनमें से एक, हेड कांस्टेबल प्रद्युम्नसिंह प्रवीणसिंह गोहिल का कोरोना में 3 दिनों के उपचार के दौरान मृत्यु हो गई। प्रद्युम्न सिंह के परिवार में एक बेटा और  पत्नी है। बेटा कक्षा 12 विज्ञान वर्ग में पढ़ रहा था। पिता की मृत्यु के बाद तीसरे दिन, बेटे की एक महत्वपूर्ण NEET परीक्षा थी। बेटे ने हार न मानते हुए परीक्षा दी और 700 में से 383 अंक हासिल किए। हालांकि ये निशान उसके लिए कम थे।
मेरे पिता तो जीवित नहीं है लेकिन उनका सपना पूरा करुंगाः बेटा
पिता की मौत के बाद बेटे ने अवसाद में परीक्षा दी लेकिन सरकारी कॉलेज में दाखिले के लिए अंक कम थे। प्रद्युम्न सिंह की मौत के बाद सरकार ने  परिवार को 25 लाख रुपये और राजकोट शहर की पुलिस ने भी मदद मुहैया कराई है। पुलिस आयुक्त खुद व्यक्तिगत रूप से उनके घर गए और परिवार को सांत्वना दी। दिव्यभास्कर की रिपोर्ट के अनुसार प्रद्युमन सिंह के बेटे ने कहा कि "एमबीबीएस डॉक्टर बनना मेरा और मेरे पिता का सपना था। मेरे पिता आज जीवित नहीं हैं लेकिन मैं उनका सपना साकार करुंगा। 
मैं लोगों से कोविड के दिशानिर्देश का पालन करने की अपील करता हूं
पुलिस आयुक्त मनोज अग्रवाल ने उनके भविष्य के अध्ययन के बारे में चिंता कर उन्हें एक बेहतर जगह पर अध्ययन करने की व्यवस्था की है। साथ ही, उन्होंने भरोसा दिलाया कि डॉक्टर बनना पूरे पुलिस परिवार का सपना है। मृतक के बेटे ने कहा कि पिता की छत्रछाया के सामने सहायता शून्य है। मैं अपने पिता को खोया है, परिवार बिखर गया है, इसके लिए प्रत्येक लोगों से अपील करता हूं कि कोविड गाइड लाइन का पालन करे और  जब तक वह दवा न मिले तब तक अपना और अपने परिवार तथा स्नेहीजनों का ख्याल रखें।
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