अहमदाबाद : चार साल में आरटीओ से लुटे लगभग 2 करोड़, ऐसे खुला मामला

अहमदाबाद में वस्त्रल आरटीओ के प्रधान लिपिक के खिलाफ ड्यूटी के दौरान 1.83 करोड़ रुपये से अधिक का कथित रूप से गबन और हेरफेर करने के आरोप में पुलिस में शिकायत दर्ज की गई है। वस्त्रल आरटीओ के वार्षिक ऑडिट में पाया गया कि पिछले 4 वर्षों से राजस्व में गिरावट आ रही है। जांच कर रहे सीनियर हेड कैशियर एमएन प्रजापति के सामने पिछले तीन साल में रजिस्ट्रेशन टैक्स, मासिक टैक्स, वाहन टैक्स समेत फीस को लेकर गड़बड़ का मामला सामने आया है।

आपको बता दें कि अभिलेखों की जांच में पता चला कि वर्ष 2019-20 में 70 लाख 66 हजार, 2020-21 में 56 लाख और इसके अलावा 50 लाख 1.83 लाख का गबन किया गया। वस्त्रल आरटीओ के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा रामोल थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है। आरोपित प्रजापति कुल प्राप्तियों का 20 से 25 प्रतिशत जेब में रखता था जबकि शेष राशि कोषागार में जमा करता था। आरटीओ के ऑडिट के दौरान मामला सामने आया। आरटीओ ने तब से 90 लाख रुपये की वसूली की है, बाकी की वसूली अभी बाकी है।

मामले के बारे में बता दें कि वस्त्राल आरटीओ कार्यालय में परिवहन वाहनों के वाहन पंजीकरण कर, 6 मासिक, वार्षिक कर और सरकारी शुल्क आदि की वसूली की जाती है। जमा किए गए धन की रसीदें देने के बाद जमा की गई राशि को हर शाम सरकारी मुद्रा में जमा करना होता है। इसके बाद यह पैसा एसबीआई को जमा करना होता है। मामले में आरोपी ने रसीदों में से 20 से 25 प्रतिशत राशि जमा नहीं कराई गई। इसी कारण आरटीओ के राजस्व में निरंतर गिरावट देखी गई थी। अधिकारियों ने गारमेंट आरटीओ की जांच शुरू कर दी थी जिसमें उसने 94.14 लाख रुपये टुकड़ों में सरकारी खजाने में जमा करने का वादा किया था लेकिन शेष 89 लाख रुपये जमा नहीं करने पर रामोल थाने में शिकायत दर्ज कराई गई।

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