गज़ब की धमकी : ...तो क्या रशिया अंतरिक्ष में अमेरिकी अवकाश यात्री को अकेला छोड़ देगा!?
By Loktej
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रूस की अंतरिक्ष एजेंसी ने नासा को पत्र भेजकर मॉस्को पर लगे प्रतिबंधों को हटाने की मांग, न होने पर अंतराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी
रूस और यूक्रेन के बीच आज 19वें दिन भी हालत आक्रमण बने हुए है। रूस किसी भी तरह मनाने को तैयार नहीं है। रूस लगातार यूक्रेन पर हमला किये जा रहा है। इस बीच अमेरिका समेत अन्य नाटो देशों ने यूक्रेन की मदद की बात कहकर रूस से सीधे दुश्मनी मोल ले ली है। ऐसे में अमेरिका और रूस आमने सामने आ गए है। अब रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोसमोस ने नासा और अन्य अंतरराष्ट्रीय भागीदारों को एक पत्र भेजकर मॉस्को पर लगे प्रतिबंधों को हटाने की मांग की है और ऐसा न करने पर अंतराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी है। साथ ही रूस ने पश्चिमी देशों के लिए उपग्रहों को लॉन्च करने से इनकार करने की धमकी भी दी है।
आपको बता दें कि इस समय अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में नासा के 4 अंतरिक्ष यात्री, 2 रूसी अंतरिक्ष यात्री और 1 यूरोपीय अंतरिक्ष यात्री मौजूद हैं। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन को नुकसान पहुंचने का अर्थ है इन सभी का वापस आना असंभव हो जाएगा। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और रोस्कॉसमॉस के डायरेक्टर जनरल दिमित्री रोगोजिन ने अमेरिकी प्रतिबंधों के खिलाफ कड़ी नाराजगी जताई है। रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कॉसमॉस के प्रमुख दिमित्री रोगोजिन ने शनिवार को एक ट्वीट में कहा कि पत्र में संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और यूरोप की अंतरिक्ष एजेंसियों से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को चालू रखने की अपील की है। उन्होंने अपने ट्वीट में ISS के उड़ान पथ और उसके संभावित पतन क्षेत्र को दर्शाने वाले मानचित्र को प्रदर्शित किया है, जो दुनिया के अधिकांश हिस्सों में फैला है, लेकिन मुश्किल से रूस को छूता है। दिमित्री रोगोजिन कहा है कि प्रतिबंधों के कारण इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन भारत या चीन के ऊपर कभी भी गिर सकता है।
बता दें कि जैसा रूस कह रहा, वैसा सच होता है तो भारत पर भी संकट आ सकता है। दरअसल ऐसी आशंका है कि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का 500 टन का ढांचा भारत या चीन पर गिर सकता है। वहीं आईएसएस रूस के ऊपर से उड़ान नहीं भरता है, इसलिए उसे इसके गिरने से कोई रूस को कोई खतरा नहीं है।