बत्रा साहब कर रहे चंद्रमा पर 4G मोबाइल कनेक्टिविटी की तैयारी, जानें पूरी हकीकत

नैशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन यानी नासा नोकिया के साथ मिलकर चांद पर 4G नेटवर्क लगाने जा रही, इसके लिए नासा ने नोकिया एक्जीक्यूटिव निशांत बत्रा का चुना

आज के समय चांद की दूरी लगभग समाप्त हो चुकी है। धरती के वैज्ञानिक चांद पर जीवन की खोज में लगे हुए है। लोग चांद पर प्लाट खरीद रहे है। कुछ दिन पहले चांद पर कनेक्टिविटी को लेकर बात सामने आई थी और अब भारतीय मूल के और वर्तमान में नोकिया के साथ काम कर रहे निशांत बत्रा को बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। निशांत बत्रा वो शख्स हैं जो चांद पर पहला 4G मोबाइल नेटवर्क लगाने का काम करेंगे।
आपको बता दें कि नैशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन यानी नासा नोकिया के साथ मिलकर चांद पर 4G नेटवर्क लगाने जा रही है। इसके लिए नासा ने नोकिया एक्जीक्यूटिव निशांत बत्रा का चुना किया है। नासा 2024 में चांद पर इंसान को भेजने की योजना बना रहा है। इसी क्रम में नासा ने नोकिया को अक्टूबर 2020 में लूनर कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट दिया था। अब नासा ने अपने लूनर मिशन के लिए मोबाइल कनेक्टिविटी मुहैया कराने की जिम्मेदारी नोकिया को सौंपी है।
ये वायरलेस ब्रॉडबैंड कम्युनिकेशन सिस्टम 2022 के अंत में चंद्रमा की सतह पर बनने वाला नेटवर्क अंतरिक्ष यात्रियों को आवाज और वीडियो कम्युनिकेशन करने की सुविधाएं देगा।साथ ही आप अपने ही डिवाइस से चांद पर 4जी नेटवर्क चला सकेंगे और अपने घर पर कॉल कर सकते हैं।
बता दें कि 1978 में दिल्ली में जन्में निशांत ने बैचलर डिग्री मध्य प्रदेश से जबकि आगे की पढ़ाई यूनाइटेड किंगडम से की है। बत्रा का काम नोकिया की तरफ से नासा के महत्वाकांक्षी आर्टेमिस मून मिशन लैंडिंग प्रोग्राम को मोबाइल कनेक्टिविटी उपलब्ध कराना है। निशांत बत्रा फिनलैंड में नोकिया कंपनी के स्ट्रैटजी और टेक्नोलॉजी ग्लोबल हेड हैं। यह बेल लैब्स में टेक्निकल ऑर्किटेक्चर और रिसर्च से जुड़े कामकाज के लिए जिम्मेदार हैं। निशांत कंप्यूटर एप्लीकेशन में स्नातक की के साथ साथ साउथ मेथोडिस्ट विश्वविद्यालय से दूरसंचार और कंप्यूटर विज्ञान में मास्टर डिग्री के साथ स्नातक की है।
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