शुभांशु शुक्ला समेत अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी में हो रही देरी

आईएसएस के ज्वेज्दा सर्विस मॉड्यूल में प्रेसर हो गया था लीक

शुभांशु शुक्ला समेत अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी में हो रही देरी

वॉशिंगटन, 11 जुलाई (वेब वार्ता)। भारत के शुभांशु शुक्ला समेत चार अंतरिक्ष यात्रियों के एक्सिओम-4 मिशन इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) से लौट में देरी हो रही है। पहले उनकी वापसी 10 जुलाई को होना थी, लेकिन अब इसमें कम से कम चार से पांच दिन की देरी हो सकती है।

वापसी की नई तारीख अभी तय नहीं की गई है, लेकिन अनुमान लगायाजा रहा है कि यह 14 जुलाई या उसके बाद ही संभव हो पाएगी। देरी की वजह आईएसएस में आई तकनीकी समस्या बताया जा रहा है। 

दरअसल आईएसएस के रूसी हिस्से में स्थित ज्वेज्दा सर्विस मॉड्यूल में प्रेसर लीक पाया गया। इसे रिपेयर कर लिया गया है, लेकिन उसकी सेफ्टी को लेकर अभी ऑडिट और निगरानी की जा रही है। इसी वजह से वहां से जुड़े सभी मिशनों की वापसी पर नजर रखी जा रही है और जल्दबाजी में कोई रिस्क नहीं लिया जा रहा।

शुभांशु और उनके साथी सुरक्षित हैं और आईएसएस में किसी भी तरह का तत्काल खतरा नहीं है। मिशन कंट्रोल और अंतरराष्ट्रीय टीमें स्थिति पर नजर रख रही हैं। एक्सिओम-4 मिशन की लॉन्चिंग भी पहले कई बार टली थी। इसमें इलेक्ट्रिकल हार्नेस की समस्या, फालकॉन-9 रॉकेट में लिक्विड ऑक्सीजन लीक और खराब मौसम जैसी वजहें रही थीं।

यह 25 जून को लॉन्च हो पाया था और इसकी अवधि करीब दो सप्ताह तय थी। तय योजना के मुताबिक, 10 जुलाई को स्पेसक्राफ्ट को आईएसएस से अनडॉक कर पृथ्वी पर लौटना था, लेकिन आईएसएस के रूसी मॉड्यूल की तकनीकी दिक्कत ने शेड्यूल बदल दिया।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक क्रू ड्रैगन यान बिल्कुल सुरक्षित स्थिति में है और उसमें कोई नई समस्या नहीं है। उसकी वापसी प्रक्रिया तय प्रोटोकॉल के मुताबिक ही होगी। आईएसएस से अनडॉक होने के बाद यान अपने थ्रस्टर्स से सुरक्षित दूरी बनाएगा, फिर पृथ्वी की दिशा में डिआर्बिट बर्न कर स्पीड घटाई जाएगी।

पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश के वक्त यह करीब 28,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आएगा। बाहर का तापमान 1600 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा होगा, लेकिन हीट शील्ड इसे सुरक्षित रखेगी। वायुमंडल में घुसते वक्त कुछ मिनट का ब्लैकआउट फेज रहेगा। फिर पैराशूट सिस्टम खुलेगा जो स्पीड को घटा देगा और आखिर में यह अटलांटिक महासागर या मेक्सिको की खाड़ी में पानी पर लैंड हो जाएगा। 

फिलहाल मिशन कंट्रोल की प्राथमिकता क्रू की सुरक्षा है और इसीलिए आईएसएस की स्थिति पूरी तरह संतोषजनक पाए जाने के बाद ही वापसी की प्रक्रिया शुरू होगी। शुभांशु शुक्ला और बाकी टीम के सुरक्षित लौटने में थोड़ी देर तो होगी, लेकिन उन्हें अंतरिक्ष में फंसे रहने का कोई खतरा नहीं है।