WATCH: A Black Hawk helicopter flew for the first time without pilots in Kentucky. The aircraft flew for 30 minutes through a simulated cityscape avoiding imagined buildings before performing a perfect landing pic.twitter.com/SD01LWhUZe
— Reuters Asia (@ReutersAsia) February 12, 2022
भविष्य में जंग होंगी और भी खतरनाक जब आसमान में उड़ेगे बिना पायलट वाले हेलीकॉप्टर और युद्ध विमान!
By Loktej
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5 फरवरी को ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर को अमेरिका के केंटुकी शहर में लगभग 4000 फीट की ऊंचाई तक बिना पायलेट के उड़ाया गया
अमेरिका दुनियाभर में अपनी तकनीक और युद्धशस्त्रों के लिए जाना जाता है। हाल ही में सामने आई एक घटना ने इस बात को एक बार फिर साबित कर दिया है। अमेरिका के हेलीकॉप्टर ब्लैक हॉक बिना पायलट के ही आसमान में उड़ाते हुए एक अद्वितीय सिद्धि हासिल की है। इस ऐतिहासिक उड़ान के साथ ही ऑटोमेशन और वॉरफेयर के क्षेत्र में अमेरिका ने नया अध्याय रच दिया है।
जानकारी के अनुसार 5 फरवरी को ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर को अमेरिका के केंटुकी शहर में लगभग 4000 फीट की ऊंचाई तक बिना पायलेट के उड़ाया गया। इस समय इसकी रफ्तार 115 से 125 मील प्रति घंटा थी। इस प्रायोगिक फ्लाइट को कम्प्यूटर सिमुलेशन के ज़रिये एक वर्चुअल सिटी बनाकर उड़ाया गया। हालांकि इस दौरान कुछ बिल्डिंग्स और बाधाएं बनाई गई थीं, जिन्हें ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर ने बेहद कुशलता से पार करते हुए अपनी उड़ान पूरी कर ली।
इस हॉक की बात करें तो तेज़ रफ्तार हेलीकॉप्टर्स में शुमार ब्लैक हॉक583 किलोमीटर ऑपरेशनल रेंज के साथ 357 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से उड़ान भर सकता है। इसमें जनरल इलेक्ट्रिक का T-700-GE-701C/D टर्बोशॉफ्ट इंजन है और ये अपने साथ 9979 किलोग्राम वजन के साथ उड़ान भर सकता है।अमेरिका द्वारा बिना पायलट के उड़ाए गए इस जहाज को दो पायलट के साथ उड़ान भरने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस एक हेलीकॉप्टर की कीमत 2,13,00,000 डॉलर है। अमेरिका के साथ साथ ये ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर दुनिया में अफगानिस्तान समेत कई देशों के पास है।
आपको बता दें कि ये पायलट के बिना हॉक की उड़ान डिफेंस सेक्टर में अमेरिका को मिली ये सबसे बड़ी कामयाबी है। पहले भी युद्ध में अमेरिका के ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर्स अहम भूमिका निभाते रहे हैं, जिनकी तेज़ रफ्तार रडार के ज़रिये भी इंटरसेप्ट नहीं हो पाती। अब इनका पायलट रहित हो जाना युद्ध में और भी ज्यादा फायदेमंद साबित होगा। ऐसे में प्रतिद्वंदी देश रूस और चीन का इस कामयाबी पर रश्क करना और परेशान होना तय है।