Great news! Am told that after the mandatory quarantine, 2 cheetahs have been released to a bigger enclosure for further adaptation to the Kuno habitat. Others will be released soon. I’m also glad to know that all cheetahs are healthy, active and adjusting well. ???? pic.twitter.com/UeAGcs8YmJ
— Narendra Modi (@narendramodi) November 6, 2022
मध्य प्रदेश : नामीबिया से आये चीतों का क्वारंटाइन काल पूरा, दो चीतों को बड़े बाद में छोड़ा गया
By Loktej
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प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर व्यक्त की खुशी
मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में आये 8 में से दो चीतों को शनिवार शाम एक बड़े बाड़े में छोड़ दिया गया। ये चीते पिछले 50 दिनों से एक छोटे से बाड़े में क्वारंटाइन में थे और अब आने वाले दिनों में धीरे-धीरे 6 और चीतों को छोड़ा जाएगा। चीता टास्क फोर्स के सदस्यों और वन्यजीव विशेषज्ञों ने शनिवार शाम सात बजे दो चीतों को छोड़ा। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन चीतों को एक बड़े बाड़े में छोड़े जाने पर ट्वीट कर अपनी खुशी जाहिर की। चीतों को एक बड़े बाड़े में छोड़ने पर पीएम मोदी ने ट्वीट किया, 'बहुत अच्छी खबर! कहा गया कि 2 चीतों को आवश्यक क्वारंटाइन के बाद कुनो नेशनल पार्क में और अधिक अनुकूल बनाने के लिए एक बड़े बाड़े में छोड़ दिया गया है और अब अन्य चीतों को जल्द ही रिहा किया जाएगा। मुझे यह जानकर बहुत खुशी हुई कि सभी चीते स्वस्थ, सक्रिय और अच्छी तरह से रह रहे हैं।
एक बड़ी बाड़ 5 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैली हुई है
इस बारे में बात करते हुए अधिकारियों ने कहा, 'यह बड़ी बाड़ 5 वर्ग किलोमीटर से अधिक के क्षेत्र में फैली हुई है और आने वाले दिनों में इस बड़े बाड़े में 8 चीतों में से पांच मादा और तीन नर को भी छोड़ा जाएगा।' भारत में चीतों को फिर से बसाने की योजना के तहत उन्हें नामीबिया से 17 सितंबर को श्योपुर के कुनो नेशनल पार्क में लाया गया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहां चीतों को रिहा किया था। बता दें कि चीतों ने 5 नवंबर चीतों को क्वारंटाइन के 50 दिन पूरे कर लिए थे।
चीतों को एक महीने के लिए क्वारंटाइन किया गया था
प्रारंभिक योजना के तहत, फ्रेडी, एल्टन, सवाना, साशा, ओबन, आशा, चिबिली और सायसा नाम के चीतों को एक महीने के लिए संगरोध में रखा गया था और विशेषज्ञों के अनुसार आमतौर पर जंगली में स्थानांतरित होने से पहले और बाद में एक महीने के लिए संगरोध में रखा जाता है। ताकि वे अपने साथ दूसरे देशों से लाए गए किसी भी तरह का संक्रमण न फैलाएं।
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