'दुलीचंद अभी जिंदा है!' मृत घोषित करने के बाद जुलूस लेकर पहुंचे सरकारी दफ्तर!

'दुलीचंद अभी जिंदा है!' मृत घोषित करने के बाद जुलूस लेकर पहुंचे सरकारी दफ्तर!

हरियाणा के रोहतक जिले के दुलीचंद को मृत घोषित कर मार्च से पेंशन बबंद कर चुकी है सरकार, ऐसे में खुद को जिंदा साबित करने के लिए इन्होंने अपनाया अनोखा रास्ता

सरकारी काम और लापरवाही कोई नई बात नहीं है। हम आये दिन ऐसा सुनते रहते हैं। अब हरियाणा में कुछ ऐसा हुआ जिसके बाद हर कोई न सिर्फ सरकारी काम की आलोचना कर रहा है बल्कि जिस शख्स को तकलीफ हुई उसके द्वारा उठाए गए कदम की हर कोई तारीफ भी कर रहा है। मामला ऐसा है कि सरकारी विभाग ने एक बुजुर्ग को कागजों पर मृत घोषित कर दिया और ऐसा करके उनका पेंशन भी बंद कर दिया। इसके बाद खुद को जिंदा साबित करने के लिए उन बुजुर्ग ने एक अनोखा तरीका अपनाया।

खुद को जिंदा घोषित करने के लिए निकाली बारात


आपको बता दें कि सरकारी रूप से मृत घोषित किए जाने के बाद हरियाणा के रोहतक जिले के गांधरा गांव के निवासी 102 वर्षीय बुजुर्ग दुलीचंद ने खुद को जिंदा साबित करने के लिए बैंड-बाजा और बारात निकाल खुद रथ पर सवार होकर सरकारी दफ्तर पहुंच गये और अधिकारियों से कहा कि 'थारा फूफा अभी जिंदा है।' दुलीचंद खुद दुल्हे राजा की तरह रथ पर सवार हो गये और बैंड बाजा के साथ पूरे रोहतक शहर का भ्रमण करते हुए सरकारी कार्यालय पहुंच गये और अधिकारियों से बंद पेंशन को चालू कराने की मांग भी करने लगे। उनके हाथ में जो तख्ती था उस पर ये लिखा था कि थारा फूफा अभी जिंदा है। इस दौरान दुलीचंद दूल्हे की तरह नोटों की माला पहन रखे हुए थे। 

आम आदमी पार्टी के प्रमुख भी हुए बारात में शामिल


बता दें कि दुलीचंद की बारात मानसरोवर पार्क से नहर विश्राम गृह तक निकाली गयी और राज्य सरकार से पेंशन फिर से चालू करने की मांग की गयी। इतना ही नहीं खुद आम आदमी पार्टी के हरियाणा यूनिट के पूर्व प्रमुख नवीन जयहिंद भी बारात में शामिल हुए थे। 102 वर्षीय दुलीचंद का साथ देने के लिए कई लोग भी हाथ में तख्तियां लेकर शामिल भी हुए और मार्च के बंद दुलीचंद के पेंशन को फिर से चालू करने की मांग भी हुई।

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