अरूणाचल प्रदेश के युवक मीराम पर चीनी सेना ने ढाये थे अत्याचार

अरूणाचल प्रदेश के युवक मीराम पर चीनी सेना ने ढाये थे अत्याचार

चीनी सेना द्वारा पकड़े गये मीराम को सोमवार को भारतीय सेना ने परिवार वालों को सौंपा

भारत चीन सरहद पर तनाव की खबरें विगत दिनों से आती रही हैं। इसी क्रम में पिछले दिनों अरुणाचल प्रदेश के एक किशोर के अपहरण की खबर भी सुर्खियां बनी थी। चीनी सेना ने युवक मीराम तारोन को पकड़ लिया था और उसे सप्ताह भर तक अपने कब्जे में रखा था। भारतीय सेना के प्रयासों के बाद चीनी सरकार ने मीराम को पुनः भारत के हवाले किया था। भारत लौटने के बाद मीराम को कुछ दिन कोरंटीन रहते हुए आवश्यक कागजी कार्यवाही से गुजरना पड़ा। इसके बाद सेना ने सोमवार शाम को अप्पर सियांग जिले में एक समारोह के दौरान नीराम को उसके परिजनों के हवाले किया।
आपको बता दें कि 17 वर्षीय मीराम अपने दोस्त जॉनी यांग के साथ भारत चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास शिकार के लिए गया हुआ था। इसी दौरान सीमा पर चीनी सेना ने मीराम को तो पकड़ लिया, लेकिन उसका दोस्त जॉनी किसी तरह बच निकला। जॉनी ने अपने गांव पहुंच कर मीराम की गिरफ्तारी की जानकारी परिवार को दी। परिवार वालों ने इसकी सूचना सेना के अधिकारियों को दी।
अपने बेटे मीराम से मिलने के बाद उसके पिता ओपांग टैराे ने मीडिया को बताया कि घटना के बाद से उनका बेटा बुरी तरह से डर गया है। चीन से लौटने के बाद वह थका हुआ है। मीराम के पिता ने यह भी कहा कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने उनके बेटे पर अत्याचार किया। कस्टडी के दौरान उसकी आंखों पर पट्टी बांधे रहती थी और उसके हाथों को भी बांधकर रखा जाता था। मीराम को समय पर पर्याप्त भोजन भी नहीं दिया जाता था और उसके पेट में लात मारकर उस पर अत्याचार किए गए। उसे हल्का इलेक्ट्रिक शॉक तक दिया गया।
स्मरण रहे कि 19 जनवरी को अरुणाचल पूर्व मतक्षेत्र के भाजपा सांसद तापिप गाओ ने सबसे पहले सोशल मीडिया ट्विटर पर इस किशोर के अपहरण की सूचना साझा की थी। मीराम के लौट आने के बाद उसके गांव जीडो में लोग खुश हैं और सेना के प्रयासों की तारीफ कर रहे हैं। ज्ञातव्य है कि पिछले वर्ष सितंबर 2020 में भी चीनी सेना ने अरुणाचल प्रदेश के सुबानसिरी जिले में कथित रूप से 5 लड़कों का अपहरण कर लिया था। उनको भी सप्ताह भर बाद चीनी सेना ने रिहा किया था।
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