जानें अदालत को क्यों करनी पड़ी टिप्पणी, 'जोड़ियां नर्क में बनती हैं!'

जानें अदालत को क्यों करनी पड़ी टिप्पणी, 'जोड़ियां नर्क में बनती हैं!'

आप सभी ने यह पंक्ति तो सुनी ही होगी की जोड़ियाँ स्वर्ग में बनती है। पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक घरेलू विवाद की सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुये कहा कि 'जोड़ीयां स्वर्ग में नहीं, पर नर्क में बनती है!" हुआ ऐसा कि बॉम्बे हाईकोर्ट में एक पत्नी ने अपने पति के खिलाफ क्रूरता और दहेज कि मांग करने के आरोप लगाया था और उसके साथ रहने को वह बिलकुल भी तैयार नहीं थी।
विस्तृत जानकारी के अनुसार, दिसंबर 2021 में महिला ने पति के खिलाफ एक FIR दर्ज करवाई थी। जिसमें उसने पति के खिलाफ आरोप लगाया कि उसका पति दहेज का काफी लालची था और शादी के दौरान ही वह अपने घर के हर सदस्य के लिए सोने का सिक्का चाहता था। हालांकि उसका परिवार यह मांग करने में असमर्थ था। इसके चलते शादी के बाद से ही ससुराल वाले उसे काफी परेशान करते लगे। यही नहीं उसने जिस घर में वह रह रहे है उसके लिए भी पैसे दिये थे। पर इसके बाद भी उसका पति उसके साथ दुर्व्यवहार करता था। यही नहीं उस पर आरोप लगाने के लिए पति ने खुद के शरीर पर खुद ही घाव कर लिए थे।
वहीं दूसरी और पति ने भी पत्नी पर आरोप लगाए वह पत्नी का हर तरीके से ख्याल रखता था। पर फिर भी पत्नी उसे लगातार परेशान करती थी। शादी के बाद वह उसे घुमाने के लिए भी विदेश ले गया था, पर इससे भी पत्नी खुश नहीं थी। पति ने कुछ व्हाट्सएप चैट भी दिखाई, जिसमें पत्नी उसे किस तरह से प्रताड़ित करती थी, वह साबित हो रहा था। 
पूरे मामले पर सोचने के बाद जस्टिस सारंग कोतवाल इस नतीजे पर पहुंचे कि पति-पत्नी दोनों एक साथ नहीं रह सकते थे। इसके अलावा पति की हिरासत के बाद भी इस का कोई हल नहीं आएगा। ऐसे में उन्होंने पुलिस को भी एक या अधिक जमानतदारों के साथ 30 हजार के मुचलके से पति को जमानत पर रिहा करने एक आदेश दिये थे।