IIT बॉम्बे के छात्र ने एक हॉस्टल की सातवीं मंजिल से कूदकर अपनी जान दी, पिछले कई समय से डिप्रेशन का था शिकार
By Loktej
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डिप्रेशन का इलाज करवा रहा था छात्र, घटनास्थल से मिली सुसाइड नोट में किसी को नहीं ठहराया जिम्मेदार
देश के सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थान IIT बॉम्बे से एक बुरे समाचार सामने आए है। बीती रात संस्थान के एक छात्र ने आत्महत्या कर ली। मिली जानकारी के अनुसार छात्र ने सुबह करीब साढ़े चार बजे आत्महत्या की थी। आत्महत्या करने वाला छात्र इंजीनियरिंग में मास्टर्स के द्वितीय वर्ष में पढ़ रहा था। उन्हें मुंबई के राजावाड़ी अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक छात्र की उम्र 27 वर्ष बताई जा रही है। छात्र ने अपने छात्रावास की सातवीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली है। पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला है। छात्र डिप्रेशन में था और उसका इलाज चल रहा था। लड़के ने अपने सुसाइड नोट में सुसाइड के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया है।
बता दें कि संसद सत्र के दौरान शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि साल 2014 से 2021 के बीच आईआईटी, आईआईएम, केंद्रीय विश्वविद्यालय, आईईएससी और अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों में 122 छात्रों ने आत्महत्या की है। इस अवधि के दौरान भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में 34 छात्र, भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईईएम) में 5 छात्र, भारतीय विज्ञान संस्थान (आईईएससी) और भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान में 9 छात्र, विश्वविद्यालय और केंद्रीय में 37 छात्र राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान में विश्वविद्यालय आत्महत्या की सूचना मिली है।
मंत्री ने बताया कि भारत सरकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा छात्रों के साथ उत्पीड़न और भेदभाव की घटनाओं को रोकने के लिए कई पहल की गई हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग विनियम, 2019 छात्रों के हितों की रक्षा के लिए बनाया गया है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि इसके अलावा, मंत्रालय ने शैक्षिक तनाव को कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं जैसे छात्रों के लिए अनुकूल पठन, क्षेत्रीय भाषाओं में तकनीकी शिक्षा की शुरूआत आदि। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के मनोविश्लेषण नामक पहल के तहत कोविड महामारी के दौरान छात्रों, शिक्षकों और परिवारों के मानसिक और भावनात्मक कल्याण के लिए मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करने के लिए व्यापक स्तर पर मनोवैज्ञानिक समर्थन शुरू किया गया है। जिससे की इस तरह की घटना को रोका जा सके।
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