जब गर्भाशय की जगह उदर गुहा से हुआ बच्ची का जन्म, जानें राजधानी दिल्ली की हैरान कर देने वाली घटना

आम तौर पर चार महीने के अंदर ही नाश हो जाता है उदर गुहा के अंदर विकसित हुआ भ्रूण

मेडिकल साइन्स में आए दिन अजीबोगरीब घटनाएँ सामने आती रहती है। ऐसी ही एक और घटना नई दिल्ली में देखने मिली है, जहां एक महिला के गर्भाशय की बजाय उदर गुहा के भीतर गर्भ का विकास हो रहा था। इस दुर्लभ घटना में भी चिकित्सकों ने महिला की बच्ची का जन्म संभव बनाया था। आम तौर पर महिला के शरीर में गर्भ निषेचित प्लेसेन्टा के साथ गर्भाशय में विकसित होता है। जिसमें गर्भाशय की दीवार से जुड़े हुये शिशु को पोषक तत्व और ऑक्सीज़न प्रदान करता है। 
अस्पताल में मौजूद प्रसूति एवं रोग विशेषज्ञ, अंजलि चौधरी ने बताया की आम तौर पर जिन मामलों में भृण का विकास उदर गुहा के अंदर होता है, उसमें भ्रूण चार से पाँच महीने से अधिक जीवित नहीं रह पाता। हालांकि इस मामले में गर्भवस्था में भ्रूण का विकास पूरी तरह हुआ और इसके चलते उन्होंने शिशु को सर्जरी के माध्यम से जन्म देने का निर्णय लिया। अंजलि ने बताया कि महिला अपने गर्भवस्था के सातवें महीने में उनके पास आई थी। इसके पहले करवाए गए सभी छह अल्ट्रासाउंड में भ्रूण कि स्थिति का पता नहीं चल पाया था।
डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें स्थिति को संभालने के महिला की मूत्रवाहीनी में एक स्टेंट डालना पड़ा था। हालांकि इसके बाद भी बच्ची की स्थिति का पता नहीं चल पाया था, जिसके बाद स्कैन करने पर स्थिति सामने आई और पता चला की बच्चा उल्टा है यानि की उसके पैर योनि की तरफ थे। डॉक्टरों ने बताया की यह काफी गंभीर सर्जरी थी। डिलिवरी के बाद महिला का काफी खून बह रहा था, जिसके चलते उसे चार यूनिट प्लाज्मा और तीन यूनिट खून भी चढ़ाना पड़ा था। बच्ची को भी 12 घंटे ICU में रखने के बाद परिवार वालों को सौंप दिया गया था। फिलहाल माँ और बच्ची दोनों स्वस्थ है। 
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