मृत्यु के 10 दिन बाद घर पहुंचा युवक, परिवार वालों से कहा - में नहीं हु भूत

मृत्यु के 10 दिन बाद घर पहुंचा युवक, परिवार वालों से कहा - में नहीं हु भूत

बिना बताए पहुँच गया था उदयपुर पहुंचा युवक बीमार होने पर हो गया था अस्पताल में भर्ती, परिवार वालों ने गलत लाश की शिनाख्त कर किया अंतिम संस्कार

राजस्थान के राजसमंद में से एक अनोखा मामला सामने आया है। जहां एक मरा हुआ इंसान जिसका अंतिम संस्कार हो चुका था, वह 10 दिन बाद अचानक लौट आया। इतना ही परिवार के पुरुष सदस्यों ने तो अपना मुंडन भी करवा लिया था। घर में हर और मातम फैला था। हालांकि अंतिम संस्कार हुआ उसके 10 दिन बाद ओंकारलाल नामक यह शक्स अपने घर पहुंचा। 
ओंकारलाल को इस तरह अपने सामने देख कर परिवार के सभी लोग पहले तो डर गए थे। खुद ओंकारलाल भी अपनी फोटो पर चढ़ी माला देखकर हैरान रह गया था। अपनी फोटो पर माला चढ़ी देखकर ओंकारलाल ने सबको बताया कि वह कोई भूत नहीं है। वह अभी भी जिंदा है। ऐसे में अब यह सवाल उठा कि यदि ओंकारलाल जिंदा है तो जो चीता जलाई वो किसकी थी। 
दरअसल हुआ ऐसा कि 11 मई को ओंकारलाल अपने परिवार में बिना किसी को बताए उदयपुर चला गया था। जहां उसकी तबीयत खराब हो गई और वह अस्पताल में भर्ती हो गया। वहीं दूसरी और ओंकारलाल के घर ना आने से परिवार वाले चिंतित हो गए। उसी दिन मोही रोड पर एक अज्ञात व्यक्ति का शव पुलिस को मिला। जिसे जिला अस्पताल के मुर्दाघर में रखा गया। एक और पुलिस मृतक के परिजनों की तलाश कर रहे थे और वहीं दूसरी और ओंकारलाल के परिजन उसे ढूंढ रहे थे। 15 मई को पुलिस ने ओंकारलाल के भाई नानालाल व अन्य परिजनों को अस्पताल बुलाया। जिन्होंने लाश को ओंकारलाल के रूप में पहचान लिया। 
परिजनों द्वारा लाश को पहचाने जाने के बाद उन्होंने उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया। ओंकारलाल के भाई और घर के बच्चों ने मुंडन भी करवा लिया और उसकी तस्वीर पर माला भी चढ़वा दी। पर कहानी में ट्विस्ट तब आया जब अचानक ओंकारलाल घर वापिस आ गया। इस पूरे मामले में पुलिस और अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही बताई जा रही है। नानालाल ने बताया की उसने पुलिस को बताया था की ओंकारलाल के दायें हाथ में चोट का निशान है। पर अस्पताल प्रशासन और पुलिस ने शव के तीन दिन पुराने होने के और डीप फ्रिज में पड़े होने का हवाला देकर हाथ के निशान मीट गए होने की बात कहकर लाश को परिवार को सौंप दिया था। 
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