अदालती फैसला : राहदारी की लापरवाही के लिए वाहनचालक दोषी नहीं!

मुंबई की कोर्ट ने छह साल पहले के मामले में सुनाया फैसला

मुंबई की एक कोर्ट ने मार्ग दुर्घटना के मामले में महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया है जो कि कई फैसलों के लिए तासीर बन सकता है। मुंबई के दादर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने कार से एक्सिडेंट के एक मामले में बिजनेस वूमेन स्वपनीला सखलकर को निर्दोष घोषित किया है। कोर्ट ने अपने फैसले में यह सुनाया है कि रास्ते पर चलते समय सावधानी बरतना यह मुसाफिर का काम है। मुसाफिर की गलती के कारण यदि एक्सिडेंट हो तो वाहन चालक की कोई जिम्मेदारी नहीं है।
बात ऐसी है कि 6 साल पहले 20 अक्टूबर 2015 को अपेक्षा शाह नाम की महिला सवेरे 9:30 बजे के करीब सड़क पर चलते हुए अपने ऑफिस की ओर जा रही थी। इस दौरान दादर क्षेत्र में पारसी अगियारी के पास एक कार पीछे से आई थी जिसने की अपेक्षा को टक्कर मार के नीचे गिरा दिया और कार का एक टायर अपेक्षा शाह के बाएं पैर से चले गया। इस घटना के बारे में अपेक्षा शाह के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी। उन्होंने बताया कि कार चलाने वाली महिला घटनास्थल से फरार हो गई थी।
दुर्घटना के कारण अपेक्षा शाह को 1 महीने तक उपचार लेना पड़ा। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अपेक्षा से तीखे सवाल करते हुये पूछा कि वह सड़क पर क्यों चल रही थी। फुटपाथ का उपयोग क्यों नहीं किया? इसके अलावा जहां पर दुर्घटना हुई है उस जगह का भी केस में अच्छे से उल्लेख नहीं किया गया है। महिला के लापरवाह तौर पर गाड़ी चलाने  के सबूत भी नहीं है। इन तमाम मामलों को ध्यान में लेते हुए कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था और कहा कि घटना में कार चालक की कोई लापरवाही सामने नहीं आ रही। ऐसे में कार चालक को कोई सजा नहीं दी जा सकती।