ये लो : मरे हुए लोगों को लग रहा वैक्सीन की डोज, परिवार वालों में हैरानी

ये लो : मरे हुए लोगों को लग रहा वैक्सीन की डोज, परिवार वालों में हैरानी

इस कोरोना काल में अब तक बिस्तर, मृत शरीर और जन्म-मृत्यु के पैटर्न में लापरवाही देखी गई थी लेकिन मेहसाणा से एक मामला सामने आया जिसने सबको हैरान कर दिया। दरअसल हुआ ऐसा कि वैक्सीनेशन वाले लोगों में कुछ ऐसे नाम जुड़ गए हैं जो असल में जीवित ही नहीं हैं। हालांकि, मृतक के परिवार तक मामला पहुंचने पर वे भी हैरान रह गए। टीकाकरण की सूची में पटेल परिवार के एक पिता का नाम तो ठाकोर परिवार की एक महिला के नाम पर जुड़ गया हैं जबकि दोनों मृत हैं।
इस बारे में मृतक के पुत्र महेंद्र पटेल ने बताया कि 13 मई को दोपहर में एक संदेश प्राप्त हुआ थाजिसमें लिखा था कि मेरे पापा ने पहली डोज ले ली है। इस सन्देश ने हमें आश्चर्यचकित कर दिया, "पिताजी वैक्सीन की पहली डोज कैसे ले सकते थे? क्योंकि पिता की मृत्यु हो चुकी है। फिर एक दोस्त से बात तब मुझे एहसास हुआ कि सिर्फ मैं ही नहीं मेरे गांव में और भी लोग हैं जिनके साथ ऐसी घटना हुई है। उन्हें 14 दिनों के बाद वैक्सीन के बारे में संदेश भी मिलता है। एक अन्य ठाकोर परिवार में, 22 अप्रैल को नानीबेन ठाकोर का निधन हो गया। प्राकृतिक कारणों से उनकी मृत्यु हुई। अंतिम संस्कार भी किया गया। इस स्थिति के बीच, उनके परिवार के पास एक संदेश आया कि नानीबेन को टीका लगाया गया है। इतना ही नहीं, इसका डोज लेने का सर्टिफिकेट भी आ गया है। ये कैसे संभव हैं कि 22 अप्रैल को उनकी मृत्यु हो गई और 14 दिन बाद उनके नाम पर टीका लगाया गया?
इतना ही नहीं वैक्सीन लेते वक्त उनके पहचान पत्र के तौर पर उनका वोटर कार्ड भी पेश किया गया है। साथ ही दूसरी खुराक के लिए 17 जून का समय दिया गया है। अब सवाल यह है कि जो जीवित ही नहीं हैं उनके नाम पर वैक्सीन किसने ली। 
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