इस मंदिर के ऊपर से नही उड़ते पंछी या कोई भी विमान, कारण ढूंढते-ढूंढते वैज्ञानिक भी परेशान

इस मंदिर के ऊपर से नही उड़ते पंछी या कोई भी विमान, कारण ढूंढते-ढूंढते वैज्ञानिक भी परेशान

चार धामों में से एक भगवान जगन्नाथ के धाम जगन्नाथ पुरी मंदिर का माहत्म्य काफी अधिक है। हर साल यहां भक्तों को भीड़ लगती है। मंदिर के कई चमत्कारों के बारे में पूरी दुनिया में कई कहानियां प्रसिद्ध है। 
कुछ मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर के ऊपर से कोई भी पक्षी या विमान नहीं उड़ सकता। एक मान्यता के अनुसार मंदिर की देखरेख स्वयं पक्षीराज गरुड़ करते है और यही कारण है कि इस मंदिर के ऊपर से कोई भी अन्य पक्षी नही उड़ता। इसके अलावा मंदिर के ऊपरी हिस्से में एक आठ धातुओं से बना चक्र भी बना हुआ है। जिसे नीलचक्र के तौर पर पहचाना जाता है। यह नीलचक्र मंदिर के ऊपर से उड़ने वाले विमानों में रुकावट पैदा कर देता है। 
मंदिर का ध्वज हमेशा हवा से उलटी दिशा में लहराता है। इसका कारण आज भी वैज्ञानिकों के लिए एक रहस्य बना हुआ है। मंदिर में चार प्रवेशद्वार है। इन सब में मुख्यद्वार को सिंह द्वारम कहा जाता है। कहा जाता है की मंदिर के बाहर समंदर में से आने वाली लहरों की आवाज सुनाई देती है, पर मंदिर के अंदर पैर रखते ही आवाज आनी बंद हो जाती है। 
मंदिर में प्रसाद बनाने की तकनीक भी काफी अनोखी है। प्रसाद बनाने के लिए एक के ऊपर एक सात बर्तन को रखा जाता है। जिसमें सबसे ऊपर रखे बर्तन का प्रसाद सबसे जल्दी बनता है। जिसके बाद क्रमश: सभी बर्तन का प्रसाद बनता है। इसमें एक और हैरान करने वाली बात है कि प्रसाद बनाने के लिए जली हुई लकड़ियों का इस्तेमाल किया जाता है।
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