पैरालंपिक (निशानेबाजी): सिंहराज अधाना ने जीता कांस्य, भारत को दिलाया आठवां पदक

पैरालंपिक (निशानेबाजी): सिंहराज अधाना ने जीता कांस्य, भारत को दिलाया आठवां पदक

216.8 के स्कोर के साथ तीसरा स्थान हासिल किया

टोक्यो, 31 अगस्त (आईएएनएस)| भारत के सिंहराज ने यहां चल रहे टोक्यो पैरालंपिक पी वन पुरुष 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच वन फाइनल में तीसरे स्थान पर रह कर कांस्य पदक हासिल किया। इसके साथ ही भारत को इस पैरालंपिक में आठवां पदक मिला। सिंहराज ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 216.8 का स्कोर कर तीसरा स्थान अर्जित किया। इस इवेंट का स्वर्ण पदक चीन के चाओ यांग ने 237.9 अंक ले कर जीता एक अन्य चीनी जिंग हुआंग ने 237.5 अंकों के साथ रजत पदक जीता है।
भारत के एक अन्य निशानेबाज मनीष नरवाल 135.8 का स्कोर कर सातवें स्थान पर रहे, मनीष से पदक लाने की काफी उम्मीदें जताई जा रही थी, लेकिन उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा। फरीदाबाद के 39 वर्षीय सिंहराज ने छठे स्थान पर फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था, लेकिन पहले 10 शॉट्स में 99.6 के शानदार स्कोर के साथ दूसरे स्थान पर पहुंच गए थे।
सिंहराज ने अगले दौर में 10.0 का एक स्कोर किया और बाहर होने से बच गए बाद में उन्होंने केवल 9.4 और 9.7 का स्कोर किया और चौथे स्थान पर आ गए। उन्हें कांस्य पदक के लिए तीसरे स्थान के लिए चीन के लू शियाओलोंग से भिड़ना पड़ा। सिंहराज ने अपने 13वें और 14वें शॉट में 9.4 और 9.7 की शूटिंग के साथ, लू को तीसरे स्थान पर पछाड़ दिया। लेकिन चीनी निशानेबाज ज्यादा देर तक इस पोजीशन पर कायम नहीं रह सके और उन्होंने अपने 17वें और 18वें टर्न में 9.6 और 9.7 का स्कोर बनाया।
अपने 19वें और 20वें मोड़ पर 9.1 और 9.6 के एक और निचले दौर के बाद, ऐसा लग रहा था कि सिंहराज एक पदक से चूक सकते हैं, लेकिन चीनी निशानेबाज ने अपने 20 वें शॉट में 8.6 का स्कोर बनाया और इसी तरह सिंहराज का स्कोर 196.8 से 196.5 पहुंच गया। अगले दौर में, फरीदाबाद के 39 वर्षीय सिंहराज ने दो 10.0 अंक प्राप्त किए और उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। चीन के यांग चाओ, जिन्होंने पहली सीरीज में हीं शानदार खेल दिखाते हुए 100.3 का स्कोर किया और फाइनल में 8.7, 8.2 और 8.2 की शूटिंग कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया उनका कुल स्कोर 237.9 रहा। उनके हमवतन हुआंग जिंग 237.5 स्कोर किया और रजत पर कब्जा जमाया । भारत ने अब तक टोक्यो पैरालंपिक में दो स्वर्ण, चार रजत और 2 कांस्य पदक के साथ कुल आठ अपने नाम किया।

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