सूरत : फैशन के दौर में कपड़ा व्यापारियों को डिजाइनिंग पर करना होगा फोकस

सूरत : फैशन के दौर में कपड़ा व्यापारियों को डिजाइनिंग पर करना होगा फोकस

जीएसटी के बाद छोटे-छोटे व्यापारियों का व्यापार में टिका रहना बहुत ही मुश्किल हो रहा है

सूरत के रिंग रोड स्थित सिल्क सिटी मार्केट में बलराम एन्टप्राइजेज ने नाम से कपड़ा का कारोबार करते अरुण पाटोदिया बताते हैं कि कपड़ा मार्केट की स्थिति दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। आज का व्यापार पूरी तरीके से पूंजीपतियों का हो गया है। जीएसटी के बाद छोटे-छोटे व्यापारियों का व्यापार में टिका रहना बहुत ही मुश्किल हो रहा है। छोटे व्यापारियों की कास्टिंग जहां पड़ती है उससे सस्ते में बड़े व्यापारी उसी माल को बेच देते हैं। जिससे छोटे व्यापारी उधार में बाहर की मंडियों के व्यापारी को बेचते हैं। उधार का पेमेंट 6 महीने के बाद आता है। किसी-किसी व्यापारी का तो पेमेन्ट आता ही नहीं। ऐसी परिस्थिति में छोटे व्यापारियों का व्यापार करना मुश्किल हो रहा है।

वर्तमान स्थिति में व्यापारियों को खर्चा निकालना भारी पड़ रहा है

अरुण पाटोदिया बताते हैं कि बाहर की मंडियों में सूरत के व्यापारी का काफी पैसा फंसा हुआ। इसके अलावा यहां के व्यापारियों को अपने कर्मचारियों का पगार, ऑफिस व घर का खर्च, लाइट बिल के साथ-साथ लोन भी चुकाने पड़ते हैं। जिससे आज की वर्तमान स्थिति में व्यापारियों को खर्चा निकालना भारी पड़ रहा है। इन सब के बावजूद बाहर की मंडियों में व्यापारी के यहां रुपये फंसने तथा सूरत के व्यापारी के उठने के बाद प्रभावित व्यापारी पर दुखों का पहाड़ टूट जाता है। ऐसे में छोटे व्यापारिय़ों का उबरना काफी मुश्किल हो जाता है। कोरोना के बाद से छोटे व्यापारी अपना कपड़े का कारोबार बंद कर दूसरे व्यवसाय से जुड़ गये हैं। हाल के दिनों में अमुक व्यापारियों का अपना स्टैंडर्ड मेन्टेन करना भारी पड़ रहा है। 

आज के बदलते फैशन के दौर में रोज-रोज नए डिजाइन मार्केट में आ रहे हैं

अरुण पाटोदिया बताते हैं कि वर्तमान में साड़ी व ड्रेस का व्यापारी बुरी तरह प्रभावित है। जिसका मुख्य कारण है ऑनलाइन व्यापार के साथ ही साथ देश के अन्य शहरों में कपड़ा मंडियों का विकसित होना है। उन्होंने छोटे व्यापारियों को सुझाव देते हुए कहा कि शर्म छोड़कर पूंजी सुरक्षित करते हुए जो भी व्यापार उनके अनुकूल हो उस व्यवसाय को तवज्जों दे। परिस्थितियों को भांपते हुए व्यापार बदल लेना बेहतर होगा। अरुण पाटोदिया बताते हैं कि आज के बदलते फैशन के दौर में रोज-रोज नए डिजाइन मार्केट में आ रहे हैं। जो कपड़ा उद्यमी आज के दौर में नये-नये डिजाइन तैयार करता रहेगा और समय-समय पर पूंजी लगाता रहेगा वही व्यापारी आज के प्रतिस्पर्धा के व्यापार में टिक पाएगा। 
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