सूरत : 7 दिसंबर सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर जिला कलेक्टर ने योगदान देकर शुरूआत की

सूरत : 7 दिसंबर सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर जिला कलेक्टर ने योगदान देकर शुरूआत की

सूरत के नागरिकों से जिला कलक्टर की अपील कि देश के वीर जवानों के कल्याण के लिए अपना योगदान दें

सूरत के जिलाधिकारी आयुष ओके ने दिन-रात देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले बहादुर सैनिकों के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए '7 दिसंबर - सशस्त्र सेना झंडा दिवस' के अवसर पर सैनिक कल्याण निधि में अपना व्यक्तिगत योगदान दिया। मां भौम मातृभूमि की रक्षा के लिए रात-रात भर जगनेवाले सैनिकों का ऋण चुकाया।

सैनिकों और उनके परिवारों के लिए हमारा नैतिक कर्तव्य है


कलेक्टर ने देश की सीमाओं से बाढ़, चक्रवात एवं भूकम्प जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान नागरिकों की जान-माल की रक्षा का कार्य करने वाले वीर जवानों एवं उनके परिवारों के कल्याण हेतु आर्थिक रूप से योगदान देने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि यह हमारा नैतिक कर्तव्य है कि देश की रक्षा, देश की सीमाओं और संप्रभुता की रक्षा, कानून व्यवस्था बनाए रखने और यहां तक ​​कि प्राकृतिक आपदाओं की स्थितियों में नागरिकों की मदद करने वाले हमारे सैनिकों और बहादुर सैनिकों के परिवारों का कर्ज चुकाना चाहिए यह हमारी जिम्मेदारी है।

पिछले साल सूरत से 70.50 लाख की राशि जमा हुई थी


पिछले साल सभी की अथक मेहनत और लगन से 70.55 लाख रुपये की राशि जमा कर सूरत जिले को राज्य में सर्वाधिक योगदान देने वाले जिले के रूप में पहला स्थान मिला है। कलेक्टर ने कहा कि पहाड़ से लेकर समुद्र तक भारतवर्ष की रक्षा करने वाले तीनों सैनाओं के वीर जवानों को भारतीय सशस्त्र सेना ध्वज दिवस की हार्दिक शुभकामनाए प्रदान की। इस अवसर पर सहायक जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी दीपक तिवारी, पुनर्वास कार्यालय के प्रधान लिपिक जे.बी. टांक, कल्याण प्रबंधक डीए राठौड़, कनिष्ठ लिपिक डी. एम. खेंगर, ठाकोरभाई पटेल मौजूद थे।

"सशस्त्र सेना झंडा दिवस" ​​क्यों मनाया जाता है?


देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर जवानों के परिवारों को समर्थ बनाने के नेक उद्देश्य से 7 दिसंबर, 1949 से देश भर में "सशस्त्र सेना झंडा दिवस" ​​मनाया जाता है। पूरे देश में राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले लाल, नीले,आकाशी रंग के छोटे झंडे और कार के झंडे तीनों सेवाओं का प्रतिनिधित्व करते हुए सैनिक कल्याण कोष में योगदान के बाद दिए जाते हैं। छोटे बच्चों और युवाओं के लिए सशस्त्र सेना झंडा दिवस के झंडों को इकट्ठा करना विशेष रूप से उत्साहपुर्ण होता है।

भारतीय सशस्त्र बल के कल्याण के लिए लोगों से धन जुटाते है


 'सशस्त्र सेना झंडा दिवस' पर भारतीय सशस्त्र बलों के कर्मियों के कल्याण के लिए भारत के लोगों से धन एकत्र किया जाता है। इसका उपयोग देश की रक्षा में शारीरिक रूप से घायल सैनिकों के पुनर्वास के लिए और बहुत कम उम्र में सशस्त्र बलों से सेवानिवृत्त होने वाले सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए भी किया जाता है। जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास कार्यालय सूरत में गौरव सेनानी भवन, सरथाना में नगद जमा कर अथवा कलेक्टर एवं अध्यक्ष, सशस्त्र सेना ध्वज दिनफुण्ड, सूरत के नाम ड्राफ्ट/चैक द्वारा कोई भी व्यक्ति सरकारी अभिगम प्राप्त कर सकता है।

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