सूरत : मतगणना से पूर्व कमल खिलेगा, पंजा मजबूत होगा या झाडु चलेगा इसे लेकर कई तरह की अटकलें

सूरत : मतगणना से पूर्व कमल खिलेगा, पंजा मजबूत होगा या झाडु चलेगा इसे लेकर कई तरह की अटकलें

एग्जिट पोल के नतीजे आने के बाद भी सूरत में राजनीतिक दल के समर्थक कयास लगा रहे हैं कि आंकड़े पलट सकते हैं

गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए दो चरणों में मतदान संपन्न होने के बाद गुरूवार आठ दिसंबर को सूरत में दो जगहों पर मतगणना होने जा रही है। इस मतगणना से पहले सूरत में कौन जितेगा, इसे लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। सूरत में कमल खिलेगा, पंजा होंगा मजबूत या झाडु चलेगा? अलग-अलग लोग इसके बारे में अलग-अलग बातें कर रहे हैं। बीजेपी ने सभी 12 सीटें जीतने का दावा किया है, आप ने सात सीटें जीतने का दावा किया है, कांग्रेस ने एक या दो सीटें जीतने का दावा किया है। कल वोटों की गिनती पूरी होने के बाद चल रही यह अटकल खत्म हो जाएगी और गुरूवार दोपहर तक साफ हो जाएगा कि सूरत में वोटर किसके पक्ष में हैं।

सूरत में एग्जिट पोल के विपरित बदलाव की संभावना


यहां तक ​​कि जब सूरत पाटीदार आरक्षण आंदोलन का एपी केंद्र था, तब भी सूरत भाजपा का गढ़ बना रहा और सभी 12 सीटों पर जीत हासिल की। लेकिन इस चुनाव में स्थिति अलग है और त्रिकोणीय लड़ाई है और मतदाता अभी भी अपना पक्ष घोषित नहीं कर रहे हैं, इसलिए राजनीतिक विश्लेषक भी परिणाम भांप नही पा रहे हैं। हालांकि, दूसरे चरण के मतदान के बाद आए एग्जिट पोल में बीजेपी को स्पष्ट बहुमत मिल रहा है, लेकिन सूरत में हुए वोटर टर्नआउट को देखकर बदलाव होता दिख रहा है।


सूरत-पूर्व, वराछा और ओलपाड सीट पर बदलाव की संभावना


सूरत की सभी 12 सीटों पर बीजेपी ने कमल खिलने की बात कही है लेकिन सूरत ईस्ट,ओलपाड और वराछा सीटों पर वोटर किसे चुनने जा रहे हैं यह अभी भी साफ नहीं है। जबकि कहा जा रहा है कि बीजेपी में सूरत वेस्ट, मजुरा और चोर्यासी जैसी सीटों पर बीजेपी के सामने कोई मुकाबला नहीं है


कतारगाम सीट पर प्रदेश और मंत्री की प्रतिष्ठा दांव पर


सूरत की कतारगाम सीट पर आम आदमी पार्टी के गोपाल इटालिया का राजनीतिक भविष्य दांव पर है तो शहरी विकास मंत्री विनोद मोर्दिया से बीजेपी की प्रतिष्ठा दांव पर है। मतदान के बाद मोरडीया ने दावा किया है कि बीजेपी 80 हजार से ज्यादा की बढ़त से जीत रही है। उधर, केजरीवाल ने लिखित में दावा किया है कि सूरत में आप सात सीटें जीतेगी। इन दोनों में से कौन सा दावा सही है और कौन झूठ यह कल दोपहर तक स्पष्ट हो जाएगा।

कम मतदान से किसे नुकसान होगा


कल सुबह मतगणना शुरू होने के कुछ ही घंटों में पता चल जाएगा कि रात में कमल खिलेगा, पंजा मजबूत होंगा या झाडु सफल रहा है या नहीं। एग्जिट पोल के आंकड़े आ गए हैं लेकिन विशेषज्ञ अभी भी अनुमान लगा रहे हैं कि सूरत में कम मतदान से किसे नुकसान होगा। फिलहाल एग्जिट पोल के नतीजे आने के बाद भी सूरत में राजनीतिक दलों के समर्थक कयास लगा रहे हैं कि आंकड़े पलट सकते हैं।  इनमें से कौन सही है और जनता किसके साथ खड़ी है, यह तो मतगणना के बाद ही पता चलेगा।
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