सूरत : आयकर छापे में 2 हीरा पार्टी और बिल्डर से 1400 करोड़ बेनामी लेनदेन मिला

सूरत : आयकर छापे में 2 हीरा पार्टी और बिल्डर से 1400 करोड़ बेनामी लेनदेन मिला

इलेक्ट्रॉनिक दुकान से 300 करोड़ के दस्तावेज जब्त, 5 फर्मों की तलाशी ली गई, सूरत-मुंबई में लॉकर जब्त किए गए

आयकर विभाग की जांच शाखा द्वारा की गई छापेमारी के तीसरे दिन, अधिकारियों को हीरे और बिल्डरों की दो फर्मों के अलावा 1,300 करोड़ रुपये के दो लेन-देन का पता चला। रविवार शाम तक सभी जगहों से अधिकारियों ने 15 करोड़ की नकदी और जेवरात जब्त कर लिए थे। हीरा फर्मों के गुप्त कार्यालयों में रखे दस्तावेज, लैपटॉप और पेन ड्राइव भी जब्त किए गए। भावना जेम्स के ऑफिस के सामने एक छोटी सी इलेक्ट्रॉनिक दुकान में करोड़ों के दस्तावेज रखे हुए थे। इसे भी अधिकारियों ने जब्त कर लिया है। इस दस्तावेज़ का मूल्यांकन 300 करोड़ तक जाता है। वहां से बिल्डरों की जमीनों से जुड़े लेन-देन भी जब्त कर लिए गए।

सूरत और मुंबई में 30 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया


आईटी के 100 से अधिक अधिकारियों की एक टीम ने सूरत और मुंबई में 30 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया, जिनमें भावना जेम्स, धनेरा डायमंड, अरविंद अजबानी उर्फ ​​बिच्छू, बिल्डर रमेश चोगठ, नरेश विडियो और कादर कोथमीर, हिम्मत सिंह और जनक जमीन दलाल पर सिकंजा कसा है।। बड़ी संख्या में भूमि दस्तावेज, वचन पत्र, विलेख, विलेख, शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड निवेश दस्तावेज, सूदखोरी मनी लेंडिंग डायरी और पावर ऑफ अटॉर्नी दस्तावेज पाए गए। वहां कुल 14 लोगों की तलाश की जा रही है। वहां से न्यू रांदेर गोराट रोड के कादर कोथमीर को करोड़ों की जमीन की डायरियां और कागजात मिले। बिल्डर रमेश चौगठ के वहां करोड़ों के जमीन सौदों की फाइल मिली।

3 दिन में मिले 15 करोड़ के कैश-जेवेलरी


नरेश विडियो, रमेश चौगठ, अरविंद धनेरा, कादर कोथमीर और हिम्मतसिंह ने लगातार तीसरे दिन वहां तलाशी अभियान जारी रखा, जिसमें 15 करोड़ की नकदी-आभूषण बरामद हुए हैं। सूरत मुंबई में हीरा फर्मों के कई लॉकर जब्त किए गए हैं। धनेरा डायमंड और भावना जेम्स की जांच की गई और डायमंड के स्टॉक का मूल्यांकन किया गया और वीडियो रिकॉर्डिंग की गई।

अरविंद बीच्छु का लेन-देन भी बिना नंबर का है


अरविंद बिच्छू के स्वामित्व वाले धानेरा डायमंड्स का नकद में बिक्री खरीद का एक बड़ा कारोबार था, अधिकांश संपत्ति की बिक्री नकद में दर्ज की गई थी और नकद ऋण, संवितरण और अन्य खर्चों को दिखाने वाले दस्तावेज भी नकद में जब्त किए गए थे। इस प्रकार के 1000 करोड़ के लेन-देन विभाग को प्राप्त हुए हैं।

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