सूरत : न्यू सिविल अस्पताल में दसवां अंग दान, तीन लोगों को नया जीवन मिला

सूरत :  न्यू सिविल अस्पताल में दसवां अंग दान,  तीन लोगों को नया जीवन मिला

सूरत के खंदारे परिवार ने 38 वर्षीय ब्रेन डेड रिश्तेदार का लीवर और दोनों किडनी तीन लोगों को नया जीवन देने के लिए दान किया

सूरत डायमंड सिटी, सिल्क सिटी और ब्रिज सिटी सूरत के साथ अब अंग दाता शहर के रूप में ख्याति प्राप्त कर रहा है, सूरत के न्यू सिविल अस्पताल में डॉक्टरों के सफल प्रयासों के परिणामस्वरूप दसवां अंग दान किया गया है। सूरत के खंदारे परिवार ने एक ब्रेन डेड रिश्तेदार का लिवर और दोनों किडनी दान कर तीन लोगों को नया जीवन दिया है।


सिरदर्द के बाद तबीयत बिगडने पर ब्रेन हेमरेज का रिपोर्ट आया


एसएमसी क्वार्टर, न्यू सिटीलाइट रोड, सूरत निवासी अनिल अशोक खंडारे 2 दिसंबर की शाम 7 बजे अपने घर की सीढ़ियों से नीचे उतर रहे थे, तभी सिर दर्द के कारण दवा खाकर सो गए। अगले दिन 3 तारीख की रात अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी और उन्हें उनके परिवार वालों ने तुरंत 108 एंबुलेंस में इलाज के लिए नवी सिविल रेफर कर दिया। प्राथमिक इलाज के बाद सिटी ब्रेन को रिपोर्ट करने वाले अनिल खंडारे को आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया और पता चला कि उन्हें हाई ब्लड प्रेशर के कारण ब्रेन हैमरेज हो गया है।

च‌िकित्सकों ने परिजनों को अंगदान की जानकारी दी


चूंकि उनके ठीक होने की कोई संभावना नहीं है, इसलिए नवी सिविल के एक न्यूरोफिज़िशियन डॉ. जय पटेल ने इलाज के दौरान पिछले साल की 4 तारीख को अनिलभाई को ब्रेन डेड घोषित कर दिया। राज्य अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन के अंग दान दल के सदस्य - SOTTO और NOTO के साथ-साथ सिविल के आरएमओ डॉ. केतन नायक सहित सिविल मेडिकल टीम ने परिवार को इसकी जानकारी दी और अंगदान के महत्व और इसकी पूरी प्रक्रिया के बारे में बताया।

परिवार के सदस्यों की अनुमति के बाद हुआ अंगदान


स्वर्गीय अनिलभाई के परिवार में धर्मपत्नी दीपालीबेन का 10 वर्षीय पुत्र मयूर, 7 वर्षीय पुत्र सरगस खंदारे तथा 4 वर्षीय पुत्री देवासी है। परिवार ने अंगदान की अनुमति दी और कहा कि जब हमारे रिश्तेदार के शव का अंतिम संस्कार करना हो तो वे सभी अंग दान कर दें जो जरूरतमंद मरीजों के काम आ सकें। परिवार की सहमति प्राप्त करने के बाद लिवर और दोनों किडनियां निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार इंस्टीट्यूट ऑफ किडनी डिजीज एंड रिसर्च सेंटर-आईकेडीआरसी, अहमदाबाद को आवंटित कर दी गईं। उनके अंगदान ने तीन लोगों को नया जीवन दिया है। इस अंगदान की सेवा में सूरत पुलिस द्वारा सिविल अस्पताल से कामरेज तक ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया गया था।  सूरत के सिविल अधीक्षक  डॉ. गणेश गोवेकर, आरएमओ डॉ. केतन नायक, नर्सिंग और सुरक्षा कर्मचारियों और स्वयंसेवकों ने अंगदान ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए कड़ी मेहनत की।

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