सूरत का एक परिवार जो सीमा पर जवानों के साथ मनाता है दिवाली, पिछले सात सालों से चल रही हैं ये परंपरा
By Loktej
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कोरोना काल में भी नहीं टूटी ये परंपरा
दिवाली के त्यौहार में अपने करीबियों और रिश्तेदारों का मुंह मीठा करना भारतीय परंपरा रही है। हम पूरा परिवार और दोस्त एक साथ दिवाली मनाते हैं, लेकिन देश की सीमाओं पर बैठे लोगों के लिए दिवाली क्या, होली क्या है? सब दिन एक जैसे हैं। सूरत से एक देशभक्त देश की अलग-अलग सीमाओं पर जाकर इन जवानों को हर दिवाली मिठाई खिलाकर उनसे मिल कर देशभक्ति की मीठी सौगात ले रहे हैं. वे पिछले सात सालों से इसी तरह से देशभक्ति के रंग में रंगी एक अनोखी दिवाली मना रहे हैं।
हर साल परिवार के साथ सीमा पर दीवाली मनाने जाते है पिंतुल जीवराजभाई काकड़िया
आपको बता दें कि सूरत के वराछा इलाके में रहने वाले पिंतुल जीवराजभाई काकड़िया 2016 से दिवाली के दिनों में अपने परिवार के साथ हिंदुस्तान की विभिन्न सीमाओं पर पहुंचते हैं. सीमा पर बीएसएफ जवानों से मिलते हैं और उन्हें मिठाई खिलाकर अनोखी दिवाली मानते हैं. दिवाली उनकी सीमा यात्रा के 30 से 40 दिनों तक चलती है। एक दौरे में पांच से छह राज्य की सीमाएं शामिल होती हैं।
इस साल इन जगहों पर गया ये परिवार
इस दिवाली के वो19 सितंबर को, त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम, असम, सिक्किम और पश्चिम बंगाल की सीमाओं पर मिठाइयाँ खिलाई गईं और 5 अक्टूबर को वे पंजाब, जम्मू कश्मीर गए और सैनिकों के मुंह मीठा किया। दिवाली से पहले मिशन मिठाई राजस्थान और गुजरात की सीमाओं तक जाएगी। इस काम में सिर्फ सीमा पर एक सैनिक के हाथ में मिठाई का डिब्बा देना देने जैसी औपचारिक बात नहीं होती, लेकिन पहले सैनिक के सिर पर उसकी बहन-बेटी द्वारा तिलक किया जाता है, बाद में सैनिक की आरती की जाती है और फूलों का अभिवादन किया जाता है और फिर मिठाई की जाती है। प्यार से दिए जाते हैं। बाद में जवानों से काफी बात होती है। यह सब कानूनी अनुमति से किया जाता है।
कोरोना में भी नहीं टूटी परंपरा
गौरतलब है कि यह पहल पिछले सात साल से लगातार चल रही है। यह पहल कोरोना के समय में भी नहीं टूटी है। कोरोना की पहली लहर में गुजरात के नडाबेट सीमा पर सुइगाम और भुज लकिनाला में सैनिटाइज़र, मास्क, एनर्जी ड्रिंक आदि वितरित किए गए। बाद में दूसरी लहर में नडाबेट में सैनिटाइजर, नल का पानी, ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर, मास्क, मिठाई, काढ़ा आदि वितरित किए गए। जबकि भुज बॉर्डर पर एयर कूलर, सीलिंग फैन, मास्क, सैनिटाइजर, ऑक्सीमीटर, एनर्जी डिंक आदि वितरित किए गए। साल 2021 में ये देश के 7 राज्यों की सीमा पर पहुंचे। और मिठाई के साथ जरूरी चीजें भी दीं। इस काम में दानदाताओं का भी सहयोग मिलता है।
जो देश की रक्षा कर रहे उनका मुंह मीठा करना हमारा फ़र्ज़
मूल रूप से भावनगर जिले के तलजा तालुका के सखवाड़ा गांव के रहने वाले पिंतुलभाई विरता कल्याण ट्रस्ट चलाते हैं, जिसके तत्वावधान में सामाजिक कार्य किए जाते हैं। पिंतुल काकड़िया ने कहा, "हमारे जीवन को मीठा बनाने वालों को मिठाई खिलाना हमारा नैतिक कर्तव्य है और ऐसा करने से भी हम उनके कर्ज से मुक्त नहीं हो सकते। मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे यह काम करने का अवसर मिला है।
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