सूरत : अब पॉलिएस्टर यार्न के कच्चे माल के आयत पर 20 प्रतिशत आयात शुल्क

सूरत : अब पॉलिएस्टर यार्न के कच्चे माल के आयत पर 20 प्रतिशत आयात शुल्क

मंदी से जूझ रहे व्यापार के लिए एक और समस्या, व्यापारियों में चिंता का माहौल

कोरोना के और उसके बाद से ही कपड़ा उद्योग अपने लय की तलाश में है और अब तक व्यापार अपने चरम पर नहीं पहुंची है।  इन बातों से व्यापारी ऐसे ही परेशान है और इस बीच व्यापार एवं उपचार महानिदेशालय द्वारा पॉलिएस्टर यार्न के कच्चे माल एमईजी पर 20 प्रतिशत आयात शुल्क की घोषणा ने व्यापारियों की परेशानी को और बढ़ा दिया है। कपड़ा बाजार से जुड़े व्यापारियों का कहना है कि जब कपड़ा उद्योग में पहले से ही मंदी है तो सरकार को व्यापार को बढ़ावा देने की दिशा में कोई कदम उठाना चाहिए।  इसके उलटे सरकार द्वारा एमईजी पर आयात शुल्क बढ़ाया जा रहा है जो उद्योग के लिए मुश्किलें बढ़ाने वाली बात है। 

विदेशों से होता सूत का आयात


कपड़ा उद्योग के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सूरत के 90 फीसदी कपड़ा उद्योगपति हर महीने करीब डेढ़ लाख टन पॉलिएस्टर यार्न का इस्तेमाल करते हैं।  जिनमें कुछ उद्योगपति विदेशों से सूत का आयात करते हैं और कुछ उद्योगपति यहां उत्पादित सूत का उपयोग करते हैं। सूरत सहित दक्षिण गुजरात में पॉलिएस्टर यार्न उत्पादक भी हैं। जो विदेशों से एमईजी और पीटीए का आयात कर सूत का निर्माण करता है।


स्थानीय सूत का उपयोग करने वाले बुनकरों की संख्या भी अच्छी-खासी है। ऐसी स्थिति पैदा हो गई है कि कपड़ा उद्योग को स्थानीय धागे पर ज्यादा खर्च करना पड़ रहा है। क्योंकि कुछ उद्योग ने विदेशों से आयातित यार्न के कच्चे माल एमईजी पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी शुल्क लगाने की सिफारिश की थी। इस संबंध में डीजीटीआर ने एमईजी के आयात पर 10 से 20 प्रतिशत शुल्क लगाने का खुलासा किया है।

 बढ़ सकती हैं पॉलिएस्टर यार्न की कीमतें


उल्लेखनीय है कि स्थानीय उद्योगपति कुवैत, सऊदी अरब और चीन सहित देशों से एमईजी आयात करते हैं और अब इस पर लगाए गए 10 से 20 प्रतिशत शुल्क से पॉलिएस्टर यार्न की कीमतें बढ़ सकती हैं।
Tags: Surat