सूरत : कृष्ण की जन्मस्थली के मुस्लिम कारीगर आसुरी शक्ति को नष्ट करने के लिए बना रहे हैं 'रावण'

सूरत : कृष्ण की जन्मस्थली के मुस्लिम कारीगर आसुरी शक्ति को नष्ट करने के लिए बना रहे हैं 'रावण'

उत्तर प्रदेश के भगवान कृष्ण की भूमि मथुरा के पंद्रह मुस्लिम कारीगरों ने सूरत में 65 फीट का रावण का पुतला बनाया

दशहरे के दिन भगवान राम असुर शक्ति के रावण का पुतला जलाएंगे। उसके लिए उत्तर प्रदेश के भगवान कृष्ण की भूमि मथुरा के पंद्रह मुस्लिम कारीगरों ने सूरत में 65 फीट का रावण का पुतला बनाया है। पुतले को दिया जा रहा है अंतिम रुप । सूरत के रामलीला मैदान में दशहरा के दिन 65 फीट लंबा रावण का पुतला दहन किया जाएगा। रावण के इस पुतले का अधिकांश काम भी पूरा हो चुका है। हालांकि, मुस्लिम समुदाय के लोग ही रावण का पुतला तैयार करते हैं जो सालों से हिंदुओं और मुसलमानों के बीच बिना किसी भेदभाव के दशहरे से पहले रावण का पुतला बनाने की तैयारी कर रहे हैं। उनका नेक प्रयास देशवासियों को भाईचारे का संदेश भी दे रहा है। 

सूरत में 65 फीट ऊंचा रावण का पूतला तैयार कीया


नवली-नवरात्रि अब जोरों पर है। एक दिन बाद नवरात्रि की गूंज शांत हो जाएगी। जहां बाद में शहरवासियों द्वारा दशहरा भी मनाया जाएगा। इस बीच सूरत में 65 फीट ऊंचा रावण का पूतला तैयार कीया है। दशहरे के त्योहार को देखते हुए शहर के अलग-अलग इलाकों में रावण दहन किया जाएगा, जिसके लिए उत्तर प्रदेश के मुस्लिम कारीगर पिछले 40 दिनों से रावण का पुतला तैयार कर रहे हैं।

40 दिनों की कडी महेनत के बाद बना पुतला


कोरोना के दो साल बाद सूरत के वेसु स्थित श्री आदर्श रामलीला मंडली में हर साल की तरह इस साल भी दशहरा मनाया जाएगा। रावण की विशाल प्रतिमा को तैयार करने वाले शिल्पकार मोहम्मद शेख ने बताया कि इस प्रतिमा को तैयार करने में विभिन्न कारीगरों को लगाया गया है। चालीस दिनों की कड़ी मेहनत के बाद इस विशाल रावण प्रतिमा को तैयार किया जा रहा है। पिछले 40 सालों से हम सूरत आ रहे हैं और सालों से हम रावण की मूर्तियों को आदेश के अनुसार तैयार कर रहे हैं। किसी के धर्म हिंदू-मुसलमान के बीच भेदभाव करना उचित नहीं माना जाता है। इसलिए हम रावण की इन मूर्तियों को तैयार कर रहे हैं वर्षों से बिना किसी भेदभाव के। मूर्ति पर अधिकांश काम पूरा हो चुका है और इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है।

पुतला बनाने में कागज, बांस और पटाखों का इस्तेमाल


वेसु स्थित विशाल मैदान में असुर्य शक्ति के राक्षस रावण का विशाल पुतला जलाया जाएगा। विशाल आतिशबाजी का प्रदर्शन भी होगा। राम मंडली द्वारा इसके लिए एक अद्भुत व्यवस्था की गई है। रावण की 65 फीट की मूर्ति के साथ ही जमीन में अलग-अलग मूर्तियां भी तैयार की गई हैं। इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए दशहरे के दिन बड़ी संख्या में नागरिक एकत्रित होंगे और रावण दहन के दृश्य का लाभ उठाएंगे। रावण के पुतले को बनाने में कागज, बांस आदि सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। पुतले में इसके साथ ही पटाखों को लगाया गया है। 

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