सुरत : डंडे से पीट-पीट कर मासी ने की १२ साल के बच्चे की हत्या, जानिए क्या है मामला

माँ ने कर ली किसी और से शादी, पिता ने छोड़ा, मासी के घर रह रहे दोनों बच्चों में से एक की हुई मौत

कहते हैं किसी बच्चे के लिए उसकी मौसी या मासी उसके माँ के बराबर ही होती है। इसीलिए उसे मासी यानि माँ जैसी कहा जाता है। मासी का अपने भांजे या भांजी के लिए स्नेह उतना ही होता है जितना उसकी माँ का होता है पर अब हम जिस घटना की बात करने जा रहे हैं उसनमें एक मासी ने इस प्रेम के रिश्ते का क़त्ल कर दिया। एक मासी ने अपने १२ साल के भांजे की बेरहमी से डंडे से पीट-पीट कर हत्या कर दी। हुआ ऐसा कि बंगाली पिता द्वारा परिवार को छोड़कर चले जाने के तीन महीने पहले ही बच्चों की मां ने दूसरे युवक से शादी कर ली। इसके बाद अनाथ बने दो बच्चे (12 और 14 साल के दो भाइयों) ने अपनी मासी के यहाँ शरण लिया जहाँ मासी ने इस क्रूर घटना को अंजाम दिया।

क्या है पूरा मामला


पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तीन महीने पहले वरियावी बाजार में रहने वाली रेशमा बीबी उर्फ पिकी जुबैर शेख के साथ दूसरी शादी की थी। इससे पहले पिकी ने 2006 में पश्चिम बंगाल के मूल निवासी हाफिजुल इस्लाम से शादी की। जिससे तीन पुत्र उत्पन्न हुए। दूसरी शादी के समय रेशमा अपन साथ अपने सबसे छोटे नौ साल के बेटे को अपने साथ ले गई। जबकि 14 साल के रियाजुल और 12 साल के सिराजुल ने अपनी 45 साल की विधवा बहन शहजादी सलीम शाह (निवासी खांडेरवपुरा में) के यहाँ रखा कर गई। शनिवार शाम पांच बजे 14 साल का बेटा रियाजुल मां के वरियावी बाजार पहुंचा और छोटे भाई की मौत की खबर सुनाई, जिसे सुनकर मां सहम गई। इसके बाद तुरंत खंडेरवपुरा पहुंची रेशमा को अपने मृत बेटे का शव काला मिला। लाठी मारने से सिर और शरीर के कई हिस्सों पर घाव के निशान देखे गए। पुलिस को घटना की सूचना देने के बाद पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और आरोपी मौसी को गिरफ्तार कर लिया।

मां ने किया होता बीच-बचाव तो जिंदा होता बच्चा


गौरतलब है कि 28 तारीख को अपने दो बेटों से मिलने पहुंची रेशमा ने अपने 12 साल के बेटे सिराजुल को घायल पाया। रेशमा की बहन शहजादी ने खुद कहा था कि उसने बच्चे को डंडे से मारा। बच्चे पर घर से पैसे चुराने का आरोप था। 30 तारीख की रात घर लौटी रेशमा अपने बेटे के पूरे शरीर पर चोट के निशान पाया तो शहजादी ने उस पर चोरी का आरोप लगाया और पैसे वापस करने के लिए दबाव देने की बात कही। उस समय मां ने अफसोस जताया कि अगर मां ने बीच-बचाव किया होता तो बच्चे को मौत से बचाया जा सकता था।
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