सूरत : जानिये क्रूड के भावों में उतार-चढ़ाव ने विवरों को क्यों असमंजस में डाल रखा है!

सूरत : जानिये क्रूड के भावों में उतार-चढ़ाव ने विवरों को क्यों असमंजस में डाल रखा है!

आने वाले दिनों में यार्न की कीमतों में गिरावट आएगी और अधिक मात्रा में यार्न खरीदने पर व्यापारियों को हो सकता है भारी नुकसान

लंबे समय से मंदी झेलने के बाद त्यौहारों के सीजन से बड़ी उम्मीद लगाये कपड़ा बाजार में दिवाली के बाद भी खरीदारी का माहौल नहीं होने से व्यापारियों में मायूसी देखी जा रही है। पिछले चार महीने से मंदी के चलते कपड़ा उद्योग और सूत उद्योग से जुड़े लोग दिवाली का इंतजार कर रहे थे। त्यौहार के पास आने के साथ ही व्यापारियों ने दिवाली की तैयारी शुरू कर दी है। वहीं कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव के चलते बुनकर सूत खरीदने से कतरा रहे हैं। बुनकरों को डर है कि अगर वे अभी बड़ी मात्रा में सूत खरीदते हैं और कुछ दिनों में सूत की कीमत फिर गिरती है तो उन्हें घाटा होगा। जिससे वे हिसाब-किताब से सूत खरीद रहे हैं।

आने वाले दिनों में यार्न की कीमतों में गिरावट की आशंका


यार्न बाजार के सूत्रों के मुताबिक, चूंकि यार्न का उत्पादन पेट्रोकेमिकल्स द्वारा किया जाता है। ऐसे में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव भी यार्न बाजार को प्रभावित करता है। हालांकि, यार्न निर्माता बाजार की स्थितियों के आधार पर कीमतों में वृद्धि या कमी भी करते हैं। कच्चे तेल की कीमतों में मौजूदा गिरावट के साथ बुनकरों का मानना है कि आने वाले दिनों में यार्न की कीमतों में गिरावट आएगी और अगर कच्चे तेल की कीमतों में इसी तरह गिरावट जारी रही, तो यार्न बाजार में एक बड़ा सुधार हो सकता है। जिससे बुनकर सूत की खरीद कम करने और जरूरत के मुताबिक ही खरीदारी करने पर विचार कर रहे हैं।

जरुरत भर ही माल खरीद रहे हैं व्यापारी


गौरतलब है कि वर्तमान में सूत की खरीद के बाद अगर इसकी कीमत गिरती है तो बुनकरों को भारी नुकसान हो सकता है। इसके कारण, वर्तमान में अधिकांश विवर्सो जरूरत के अनुसार खरीद रहे हैं। जब सूत की कीमत में वृद्धि की संभावना होती है, तो वे इसे पहले से खरीदते हैं। लेकिन मौजूदा समय में कीमतों में बढ़ोतरी के बजाय घटने की संभावना से विवर्सो के बीच भी खरीदारी को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
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