सूरत : यूनिवर्सिटी ने लिया अजीबोगरीब फैसला, आर्ट्स-कॉमर्स विभाग में होगी बहुविकल्पी प्रारूप से परीक्षा, छात्रों को होगा नुकसान

सूरत : यूनिवर्सिटी ने लिया अजीबोगरीब फैसला, आर्ट्स-कॉमर्स विभाग में होगी बहुविकल्पी प्रारूप से परीक्षा, छात्रों को होगा नुकसान

शिक्षकों को केवल पेपर तैयार करके जमा करना है, पेपर अपलोड करने और परिणाम के उत्तर तय करने से लेकर बाकी काम कंप्यूटर करेगा

नर्मद विश्वविद्यालय में कला(आर्ट्स) और कॉर्मस जैसे महत्वपूर्ण संकायों में बड़ी संख्या में छात्रों ने प्रवेश लिया हैं। अब कोरोना काल भी चला गया है। फिर अकादमिक परिषद ने एक बार फिर इन दोनों संकायों एमसीक्यू (बहुविकल्पी प्रश्न) बेस में ऑफलाइन परीक्षा आयोजित करने का फैसला किया। ये परीक्षा एक घंटे में आयोजित की जाएगी।


जानकारी के अनुसार नर्मद विश्वविद्यालय की पिछली सिंडिकेट बैठक में सभी सदस्य एकजुट हुए और ऑफलाइन परीक्षा देने पर जोर दिया। आधे घंटे तक चांसलर डॉ केएन चावड़ा से बातचीत हुई। अंत में ऑफलाइन परीक्षा देने का निर्णय लिया गया और वो भी एमसीक्यू तरीके से। इस प्रस्ताव के बाद कला और कॉर्मस में कंप्यूटर के माध्यम से एक घंटे की ऑफलाइन परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया गया, जबकि इसे फिर से अकादमिक परिषद में रखा गया था। इस परीक्षा में छात्रों को एक घंटे की परीक्षा में 50 प्रश्न होंगे, जिनमें से प्रत्येक एक अंक और कुल 50 अंक का होगा।


आपको बता दें कि अब इस प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हो गई है। ऑफलाइन परीक्षा बहुविकल्पी होने वाली है ऐसे में छात्रों को केवल सही विकल्प चुनना रहेगा तो ऐसे में तुक्केबाजी के साथ ही उत्तर दिया जा सकता है। क्या कोई छात्र भविष्य में तीन घंटे बैठकर परीक्षा देगा? साथ ही छात्रों का आईक्यू कैसे मापा जाएगा? साथ ही इससे छात्रों को इसका लाभ कम होगा। शिक्षक द्वारा पेपर तैयार करने के बाद, कंप्यूटर पर पेपर तैयार होने के बाद, कंप्यूटर तय करेगा कि छात्रों द्वारा दिया गया उत्तर सही है या गलत। और अंत में कंप्यूटर रिजल्ट देगा। ऐसे में शिक्षकों का काम कम हो जाएगा। और कंप्यूटर का काम बढ़ेगा। इस प्रकार छात्रों को इस परीक्षा से ज्यादा फायदा नहीं होगा।

साइंस में विरोध से एमसीक्यू की परीक्षा रद्द, आर्ट्स-कॉमर्स में किसी ने नहीं किया विरोध!


बता दें कि नर्मद विश्वविद्यालय में ऑफलाइन परीक्षा के रूप में विज्ञान संकाय का कड़ा विरोध हुआ कि एमसीक्यू आधारित प्रश्न पूछने से छात्रों को नुकसान होगा। इसलिए विज्ञान संकाय में लिखित परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया गया। जबकि कॉर्मस और कला संकाय में कोई विरोध नहीं होने से ऑफ़लाइन परीक्षा एमसीक्यू प्रारूप में आयोजित की जाएगी। साथ ही एकेडमिक काउंसिल में भी किसी ने इसका विरोध नहीं किया। ऐसे में छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया जा रहा है।

छात्र संगठन, सीनेट-सिंडिकेट के सदस्य एमसीक्यू का खुलकर विरोध नहीं कर रहे


नर्मद विश्वविद्यालय में तीन अलग-अलग संगठनों के कार्यकर्ता काफी सक्रिय हैं। वर्तमान स्थिति को देखते हुए ऑफलाइन परीक्षा देना अनिवार्य है। लेकिन अगर लिखित उत्तर लिखकर इस परीक्षा को ऑफलाइन भी लिया जाता है तो छात्रों को फायदा होगा। अन्यथा शिक्षाविद जानते हैं कि एमसीक्यू पद्धति से परीक्षा होने से छात्रों को अधिक नुकसान होगा और कोई अर्थ नहीं होगा पर इसके बाद छात्र संघ, सीनेट और सिंडिकेट सदस्य इसके खिलाफ खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं।
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