सूरत : आखिरकार छह साल बाद वीर नर्मद विश्वविद्यालय को मिला स्थायी रजिस्ट्रार

सूरत : आखिरकार छह साल बाद वीर नर्मद विश्वविद्यालय को मिला स्थायी रजिस्ट्रार

17 साल से डेप्युटी रजिस्ट्रार के पद पर कार्यरत रमेशदान गढ़वी अब रजिस्ट्रार बन गए , तीन बार जारी हुआ विज्ञापन ,अंत में 6 अभ्यर्थियों ने दिया इंटरव्यू

नए रजिस्ट्रार सीनेट-सिंडिकेट सदस्यों, छात्र नेताओं की भावनाओं से अवगत
वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय में आज हुई सिंडिकेट की बैठक में कई उतार-चढ़ाव के बाद रमेशदान गढ़वी को रजिस्ट्रार नियुक्त करने को हरी झंडी देने के बाद विश्वविद्यालय को छह साल बाद नया रजिस्ट्रार मिलने से परिसर में खुशी का माहौल है। रमेशदान गढ़वी पिछले 17 वर्षों से डिप्टी रजिस्ट्रार के रूप में कार्यरत हैं।
जून-2016 में नर्मद विश्वविद्यालय के स्थायी रजिस्ट्रार के पद से जे.आर. मेहता के सेवानिवृत्त होने के बाद अब तक उन्हें प्रभारी के रूप में स्थान दिया गया है। 2017 से 2020 के दौरान रजिस्ट्रार के रूप में विज्ञापन तीन बार जारी किया गया था। आखिरी विज्ञापन 2020 में जारी किया गया था। उनकी प्रक्रिया को नए चांसलर ने आगे बढ़ाया। जिसमें 12 उम्मीदवारों को स्कुटीनी कमेटी ने मंजूरी दी थी और 6 उम्मीदवार इंटरव्यू के लिए मौजूद थे। इस साक्षात्कार के बाद, एक नाम को बंद लिफाफे में भेजा गया और अंतिम रूप दिया गया। इस नाम का खुलासा आज सिंडिकेट की विशेष बैठक में हुआ। जिसमें विवि के डेप्युटी -रजिस्ट्रार रमेशदान गढ़वी का नाम फाइनल किया गया। यह नाम फाइनल होते ही नए नियमों के तहत पांच साल का कार्यकाल तय किया गया। इस कार्यकाल के तय होने के बाद आज उन्होंने रजिस्ट्रार का पदभार भी संभाल लिया।
नर्मद विश्वविद्यालय में पिछले 17 साल से डेप्युटी रजिस्ट्रार के पद पर कार्यरत रमेशदान गढ़वी अब रजिस्ट्रार बन गए हैं। 17 साल तक विश्वविद्यालय में काम करने के बाद वह सीनेट, सिंडिकेट सदस्यों या छात्र नेताओं से अच्छी तरह वाकिफ हैं। और चर्चा यह भी हो रही है कि नया रजिस्ट्रार वह आने वाले दिनों में विश्वविद्यालय को नई राह पर ले जाएगा। विश्वविद्यालय के हर सवाल का जवाब उसके पास है।
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